fbpx

Total Users- 556,073

Thursday, November 21, 2024

अगहन गुरुवार व्रत : जानें पूजा का सही समय और लाभ

अगहन मास, जिसे मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में पवित्र और शुभ महीना माना जाता है। इस महीने के गुरुवार को विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का प्रावधान है। इस दिन की पूजा, व्रत, और धार्मिक अनुष्ठान सुख-समृद्धि और घर में शांति का प्रतीक माने जाते हैं।


अगहन गुरुवार की पूजा विधि

  1. स्नान और तैयारी:
    • सुबह जल्दी उठकर महिलाएं हल्दी और आंवले के उबटन से स्नान करती हैं।
    • स्नान के बाद घर के द्वार और आंगन को चावल के आटे से बनी रंगोली और लक्ष्मी जी के पदचिह्नों से सजाया जाता है।
  2. लक्ष्मी और विष्णु की पूजा:
    • लक्ष्मी और विष्णु की मूर्तियों को स्थापित कर धूप, दीप, आंवले के पत्ते, और पुष्पों के साथ पूजा की जाती है।
    • भोग में खीर, पूड़ी, और नए चावल से बने पकवान चढ़ाए जाते हैं।
  3. भोग और प्रसाद:
    • अगहन गुरुवार के भोग को घर के बाहर बांटना निषेध है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
    • परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोग ग्रहण करते हैं।
  4. दिनभर पूजा और व्रत:
    • सुबह, दोपहर, और शाम को मां लक्ष्मी को अलग-अलग भोग चढ़ाया जाता है।
    • महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के उदय के बाद पूजा संपन्न करती हैं।

अगहन मास की मान्यताएं

  1. धन और समृद्धि का महीना:
    • पौराणिक मान्यता के अनुसार, अगहन गुरुवार को विधिवत पूजा करने से देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
  2. गृह लक्ष्मी की भूमिका:
    • महिलाओं को घर की लक्ष्मी माना गया है, इसलिए वे इस दिन घर को सजाने और पूजा की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  3. व्रत का महत्त्व:
    • इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से परिवार में खुशहाली और धन का आगमन होता है।
  4. नए फसल का उपयोग:
    • अगहन मास को नए फसलों के उपयोग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। खासतौर पर चावल और गेहूं से बने व्यंजन इस महीने में खाए जाते हैं।

क्या करें और क्या न करें

करें:

  • घर को साफ और पवित्र रखें।
  • मां लक्ष्मी और विष्णु की पूजा में आंवले, हल्दी, चावल, और नए अन्न का उपयोग करें।
  • पूजा स्थल पर दीप जलाएं और परिवार के साथ पूजा करें।

न करें:

  • इस दिन कपड़े धोना, साबुन लगाना, या खिचड़ी खाना वर्जित माना जाता है।
  • भोजन पर ऊपर से नमक डालकर न खाएं।
  • दक्षिण, पूर्व, और नैऋत्य दिशा की यात्रा से बचें।

समाज और परंपरा

अगहन गुरुवार न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार परिवार और समाज के जुड़ाव का प्रतीक है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन नए अन्न से बने व्यंजन बनाकर प्रसाद में चढ़ाए जाते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में मिठाई और खीर-पूड़ी का भोग लगाया जाता है।


अगहन पूजा से लाभ

  • देवी लक्ष्मी की कृपा से परिवार में धन और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
  • भगवान विष्णु की पूजा से शांति और कल्याण प्राप्त होता है।
  • यह परंपरा परिवार और समाज के बीच रिश्तों को मजबूत करने का संदेश देती है।

सारांश

अगहन मास के गुरुवार को पूजा-अर्चना, व्रत, और परंपराओं का पालन करने से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह परिवार और समाज के बीच एकता और समृद्धि को बढ़ावा देता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

More Topics

जानें क्या आपका सिर दर्द ब्रेन ट्यूमर से जुड़ा हो सकता है ?

सिर दर्द अक्सर एक सामान्य समस्या होती है, लेकिन...

सीरीज से पहले पैट कमिंस ने नीतीश कुमार और नाथन मैकस्वीनी की तारीफ 

नीतीश कुमार रेड्डी टैलेंटेड खिलाड़ी हैं. वे गेंद को...

Ind vs Aus 1st test: पहले टेस्ट से बाहर रोहित शर्मा की जगह कप्तानी कर रहे बुमराह

आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले भारत के...

Aishwarya Rai ने शेयर किए Aaradhya के बर्थडे पिक्स

बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) और अभिषेक बच्चन...

Vijay Deverakonda ने Rashmika Mandanna संग कबूली अफेयर की बात

साउथ के एक्टर विजय देवरकोंडा (Vijay Deverakonda) पिछले कुछ...

Google Chrome बेचने की संभावना, यूजर्स पर क्या पड़ेगा असर

Google Chrome, जो दुनिया का सबसे पॉपुलर वेब ब्राउज़र...

अनियंत्रित होकर पलटी स्लीपर बस, 12 यात्रियों की मौत, 20 से ज्यादा घायल

झारखंड :-  हजारीबाग जिले में गुरुवार सुबह करीब...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े