fbpx

Total Users- 600,050

Total Users- 600,050

Friday, December 27, 2024

भारत की राष्ट्रीय मिठाई कौन-सी है ?

भारत में खाने-पीने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। वहीं, जब बात मीठे की होती है, तो हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। भारत में कोई पर्व हो या घर में कोई कार्यक्रम, वह मीठे के बिना अधूरा है।

त्योहारों पर एक-दूसरे को मिठाई देना भारत की परंपराओं में शामिल रहा है।

आपको भी कोई-न-कोई मिठाई जरूर पसंद होगी, जिसे आप किसी भी समय खाने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की राष्ट्रीय मिठाई कौन-सी है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे

भारत की राष्ट्रीय मिठाई कौन-सी है भारत की राष्ट्रीय मिठाई की बात करें, तो यह जलेबी है। यह उत्तर भारत में जलेबी, दक्षिण भारत में जेलेबी और पूर्वी भारत में जिलापी के नाम से जानी जाती है।

विदेशी मिठाई है जलेबी आपको बता दें कि जलेबी एक भारतीय मिठाई नहीं है, बल्कि यह विदेश से भारत पहुंची थी। दरअसल, मध्यकालीन भारत में तर्किश आक्रमणकारी इसे अपने साथ लेकर भारत में पहुंचे थे।

पहली बार कहां मिला था जलेबी का जिक्र जलेबी का जिक्र 10वीं शताब्दी में एक प्राचीन पर्शियन कुक बुक किताब-अल-तबीक में है, जहां इसे जुलबिया के नाम से लिखा गया है। इस डिश के बारे में लिखने वाले व्यक्ति मोहम्मद बिन हसन अल-बगदादी थे।

जलेबी और जुलबिया में होता है अंतर वर्तमान में ईरान में इसे जुलबिया के नाम से ही जाना जाता है, जिसे रमदान के मौके पर भी सर्व किया जाता है। आपको बता दें कि जुलबिया एक फुल के आकार वाली गोल होती है, जबकि जलेबी सिर्फ गोल आकार में होती है। मध्य-पूर्व में इसे शहद और गुलाब जल में डालकर खिलाया जाता है, जबकि भारत में इसे सिर्फ चासनी में भिगोकर खिलाया जाता है।

भारत ने कब अपनाई जलेबी भारत में जलेबी को 15वीं शताब्दी में अपनाया गया था, उस समय इसे कुंडालिका के नाम से जाना जाता था।

व्यापारियों के मेन्यू में रहती थी शामिल शुरुआत में जलेबी आमतौर पर व्यापारियों के मेन्यू में शामिल हुआ करती थी और इसे किसी पर्व या विशेष आयोजन पर बनाया जाता था। बाद में यह भारत के हर घर तक पहुंची और आज करोड़ों लोगों को जलेबी पसंद है। यह एक ऐसी मिठाई है, जिसे कुछ लोग दही के साथ खाते हैं, तो कुछ लोग इसे दूध के साथ खाना पसंद करते हैं। वहीं, कुछ लोग इसे खाना खाने के बाद पसंद करते हैं।

More Topics

“समझें सामंतवाद का उत्थान और इसके ऐतिहासिक प्रभाव”

सामंतवाद का उदय भारत में 6वीं से 8वीं शताब्दी...

“जानें हिजरी संवत के ऐतिहासिक महत्व और इसके शुरू होने की तारीख”

हिजरी संवत (हिजरी कैलेंडर) इस्लामिक कैलेंडर है, जो पैगंबर...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े