यूक्रेन में मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन समन्वयक माथियास श्मेल ने कहा कि इस दुखद पड़ाव पर, समाचार माध्यमों के अनुसार, यूक्रेन ने अमेरिका में निर्मित लम्बी दूरी की मिसाइलों से रूस में हमले किए हैं.
यूक्रेन में हिंसक टकराव क़रीब एक दशक पहले भड़का था, जब रूस ने पूर्वी हिस्से में क्राइमिया को अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. इसके बाद, 24 फ़रवरी 2022 को रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन पर पूर्ण रूप से आक्रमण किया था.
यूक्रेन में रैज़िडेंट और मानवतावादी समन्वयक माथियास श्मेल ने क्षोभ व्यक्त किया कि उसके बाद से ही देश में बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई है.
अब तक, हिंसा में 39 हज़ार से अधिक आम नागरिक हताहत हुए हैं, 3,400 से अधिक स्कूल व अस्पताल क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हुए हैं और एक करोड़ लोग अपने घर छोड़कर जा चुके हैं.
“ये केवल संख्याएँ नहीं है, इनमें से हर एक यूक्रेन के लोगों के लिए व्यक्तिगत तौर पर अकल्पनीय पीड़ा की अनगिनत व्यथा को बयाँ करती है.”
यूक्रेन के साथ एकजुटता
मानवतावादी समन्वय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, युद्ध की भयावहता को तो नहीं मिटा सकता है मगर राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय संगठनों और यूक्रेन सरकार के साथ मिलकर, सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
उनके अनुसार, युद्धग्रस्त यूक्रेन सर्दी के मौसम की तैयारी कर रहा है, और इन हालात में यूएन का समर्थन और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता को मज़बूत बनाए रखना होगा.
“मैं अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से यूक्रेन के साथ खड़ा होने और स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं समेत, अग्रिम पंक्ति के सहायताकर्मियों के उत्कृष्ट कार्य को समर्थन व मान्यता देने का आग्रह करता हूँ.”
पीड़ा, अधिकारों का हनन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के अनुसार, 24 फ़रवरी 2022 के बाद से अब तक 12,162 लोगों की जान गई है, जिनमें 659 बच्चे हैं. 26 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.
यूएन कार्यालय प्रवक्ता जर्मी लॉरेन्स ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि ये नासमझ पीड़ा व दर्द के एक हज़ार दिन हैं. “मानवाधिकारों का हनन अब दिन की आम बात हो गई है.”
पिछले दो दिनों में, यूक्रेन के सूमी, ओडेसा और अन्य इलाक़ों में हवाई हमलों में कम से कम 30 आम नागरिकों के मारे जाने की ख़बर है.
हिंसा पर विराम
मानवाधिकार मामलों के प्रवक्ता ने सभी पक्षों से आम नागरिकों के बचाव व संरक्षण उपायों को अपनाने का आग्रह किया है. साथ ही, जर्मी लॉरेन्स ने मानवाधिकार हनन मामलों के विश्वसनीय आरोपों की निष्पक्ष जाँच कराए जाने की मांग की है.
“हिंसा को रोकना होगा, यूक्रेन की जनता, रूस की जनता और दुनिया की भलाई के लिए.”
उधर, यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र जाँच आयोग ने कहा है कि रूसी महासंघ द्वारा अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकारों व मानवतवादी क़ानून का उल्लंघन किए जाने से अपार पीड़ा उपजी है.
रिहायशी इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों का ताबड़तोड़ इस्तेमाल किए जाने, ऊर्जा प्रतिष्ठानों व नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने, और बच्चों के जबरन हस्तांतरण व देश निकाला मामलों पर भी चिन्ता जताई गई है.
कमीशन ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि रूसी सैन्य बलों द्वारा यूक्रेनी नागरिकों व युद्धबन्दियों के साथ किए गए बर्ताव को मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.
सर्दियों में चुनौतीपूर्ण हालात
यूक्रेन में एक हज़ार दिन से जारी युद्ध के कारण क़रीब एक करोड़ 46 लाख लोगों को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जिनमें 35 लाख आन्तरिक विस्थापित भी हैं.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी की महानिदेशक ऐमी पोप ने कहा कि सर्दी के मौसम के आगमन के साथ ही, यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर निरन्तर हमले हो रहे हैं, जिससे देश की 65 फ़ीसदी ऊर्जा उत्पादन क्षमता बर्बाद हो गई है.
इन हालात में स्थानीय समुदाय पर्याप्त मात्रा में बिजली, तापन व्यवस्था व जल आपूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह लाखों लोगों के लिए अपनी जान बचाने का विषय बन गया है.
IOM महानिदेशख ने देशों की सरकारों, निजी सैक्टर के नेताओं और दुनिया भर में लोगों से अपील की है कि यूक्रेन में सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों के लिए समर्थन को बरक़रार रखना होगा.