डीआरडीओ (DRDO) परीक्षा भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित एक प्रमुख परीक्षा है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense Research and Development Organisation) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा तकनीकी, वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग पदों के लिए होती है, जिनमें विभिन्न प्रकार के शोध और विकास कार्य शामिल होते हैं, जैसे हथियार प्रणाली, रडार, मिसाइल तकनीकी, और रक्षा प्रणालियों का विकास।
डीआरडीओ परीक्षा के प्रकार:
- वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग पद: ये पद तकनीकी क्षेत्रों में होते हैं, जैसे सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर विज्ञान आदि।
- टेक्निकल असिस्टेंट और अन्य सहायक पद: इसमें अधिकतर प्रशासनिक और सहायक भूमिकाएं शामिल होती हैं।
परीक्षा का ढांचा:
- चरण 1: लिखित परीक्षा (Objective type questions)
- चरण 2: इंटरव्यू (कुछ पदों के लिए)
पात्रता:
- शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार को संबंधित तकनीकी क्षेत्र में स्नातक (B.Tech/B.E) या पोस्ट ग्रेजुएट (M.Tech/M.S) डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
- आयु सीमा: उम्मीदवार की आयु कुछ निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए, जो प्रत्येक वर्ष और पद के अनुसार बदल सकती है।
परीक्षा का उद्देश्य:
डीआरडीओ परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उन उम्मीदवारों की भर्ती करना है जो भारतीय रक्षा की तकनीकी और वैज्ञानिक शाखाओं में काम करने के लिए सक्षम हों। यह संगठन भारत के रक्षा क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास के लिए जिम्मेदार है, और परीक्षा का उद्देश्य उन लोगों को चुनना है जो इस कार्य में योगदान दे सकें।
चयन प्रक्रिया:
- पहले चरण में लिखित परीक्षा होती है, जिसमें मुख्यतः तकनीकी ज्ञान से संबंधित प्रश्न होते हैं।
- इसके बाद कुछ उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार के लिए किया जाता है, जहां उनकी क्षमता, विशेषज्ञता और कार्य के प्रति दृष्टिकोण का मूल्यांकन किया जाता है।
डीआरडीओ परीक्षा एक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है, और इसके लिए उम्मीदवारों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ सामान्य जागरूकता और विश्लेषणात्मक कौशल में भी माहिर होना चाहिए।