सीजीपीएससी भर्ती घोटाले (CGPSC Scam) में सीबीआई ने हर पहलू पर जांच शुरू कर दी है। सीजीपीएससी ऑफिस से जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच के बाद ही अधिकारी और कर्मचारियों का बयान दर्ज होंगे। परीक्षा से संबंधित अन्य दस्तावेज भी मांगे गए हैं। दफ्तर से कई जरूरी दस्तावेज गायब मिले हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और सचिव जीवन किशोर ध्रुव के घर से जब्त दस्तावेज की जांच शुरू कर दी है। नवा रायपुर स्थित सीजीपीएससी दफ्तर से ओएमआर और आंसर शीट लेकर आई है। सभी की हर पहलू पर जांच शुरू कर दी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त की गई है। परीक्षा से संबंधित अन्य दस्तावेज भी मांगे गए हैं। दफ्तर से कई जरूरी दस्तावेज गायब मिले हैं। इसे लेकर एजेंसी ने परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों से चर्चा की है।
सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में सीबीआई सोनवानी अपने पैतृक घर सर्वदा में है। जबकि ध्रुव भिलाई में हैं। दोनों के घर और पीएससी ऑफिस से जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच के बाद ही अधिकारी और कर्मचारियों का बयान दर्ज होंगे। पीएससी में परीक्षा के लिए अलग-अलग विषय के आधार पर एक्सपर्ट पैनल बनाया है, जो प्रश्नपत्र सेट करते हैं। राज्य के बाहर गोपनीय प्रिंटिंग प्रेस को छापने के लिए भेजा जाता है। इसकी जानकारी सिर्फ अध्यक्ष और परीक्षा नियंत्रक को होती है। इसके बारे में भी जांच की जा रही है।
दस्तावेज की जांच के बाद अभ्यर्थियों से भी पूछताछ
जानकारी के अनुसार सीबीआई जिन अभ्यर्थियों पर आरोप है उनके बॉयोडाटा का विश्लेषण करेगी। उनका एकेडमिक रिकार्ड कैसा है। स्कूल और कॉलेज के परीक्षा में कैसा रिजल्ट है? उनके पीएससी के प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में क्या नंबर है। क्या दस्तावेज गायब हैं? जिन छात्रों को लेकर विवाद हैं। उनका इंटरव्यू किस बोर्ड में हुआ है। सभी की जांच पूरी होने के बाद सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे।
आगे-पीछे बैठने वालों के बयान होंगे दर्ज
दस्तावेज के परीक्षण के बाद सीबीआई की टीम परीक्षा में जिनका चयन हुआ है उनके आगे-पीछे बैठने वालों के भी बयान लेगी। चयनित अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में कितनी देर तक बैठा था? वह आंसर लिख रहा था या खाली बैठा था? इंटरव्यू में कुछ ही मिनट में कक्ष से बाहर आ गए? जिनका चयन नहीं हुआ उन्हें कितनी देर बैठाया?।