छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में स्थित प्रसिद्ध सिद्धि देवी मां स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी आस्था का केंद्र है। सिद्धि देवी मां दुर्गा का स्वरूप है इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु भक्त माता सिद्धि देवी के दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहां जो भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामना माता सिद्धि देवी के सामने रखता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
जिसके चलते यह ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है। जिनके बारे में हम आपको बताएंगे। इस पोस्ट में हम आपको सिद्धि माता मंदिर का चमत्कार, सिद्धि माता की कहानी तथा सिद्धि माता मंदिर तक पहुंचाने की जानकारीयों के साथ मंदिर में आपकी पूजा आरती का समय आपके वहां रुकने की सारी जानकारी देंगे। जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए।
सिद्धि माता मंदिर श्रद्धालु भक्तों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। माता सिद्धि मां दुर्गा देवी का ही स्वरुप है, इसलिए यह मंदिर देवी सिद्धि माता को समर्पित है। बेमेतरा से सिद्धि माता मंदिर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है तथा माता सिद्धि मंदिर संडी नामक गांव में स्थित है। इसलिए यह स्थान स्थानीय लोगों के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
यह सिद्धि माता मंदिर बेमेतरा जिला में ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में भी प्रसिद्ध है, मंदिर का दूसरा मुख्य आकर्षण इसका भव्य गर्भगृह है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है, जो श्रद्धालु भक्तों तथा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मंदिर के गर्भ गृह में सिद्धि माता की एक सुंदर मूर्ति विराजमान है।
मंदिर का मुख्य आकर्षण माता सिद्धि का चमत्कार हैं। कहा जाता है कि यह आने वाले श्रद्धालु भक्तों की मनोकामना मां सिद्धि देवी पूर्ण करती हैं। जो भक्त सच्चे मन से देवी सिद्धि माता की पूजा करता है उसकी ही सारी मनोकामना माता सिद्धि देवी पूर्ण करती हैं। मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात भक्त सिद्धि माता मंदि में बकरी की बलि देते हैं।
आपको बता दूं कि यहां एक प्रथा चली आ रही है कि होली के दूसरे दिन से ही यह 13 दिनों तक सिद्धि माता मंदिर बेमेतरा जिला में बकरे की बलि देने की प्रथा चलती है, जिसमें कई हजार बकरे की बलि दी जाती हैं। साथ ही यहां 13 दिनों तक विशाल मेले का आयोजन होता है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु भक्त माता सिद्धि देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं।
सिद्धि माता मंदिर के आसपास बहुत से अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी स्थित है जिसमें एक बड़ा शिवलिंग, राम मंदिर, हनुमान मंदिर तथा मां दुर्गा तथा अन्य देवी देवताओं के मंदिर है। जिन मंदिरों का भ्रमण करने के लिए कई श्रद्धालु तथा पर्यटक दूर-दूर से आते हैं।
सिद्धि माता की कहानी
बेमेतरा में स्थित सिद्धि माता मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन बताया जाता है। साथ ही स्थानीय लोगों के अनुसार सिद्धि माता की कहानी यह है कि गांव में एक गरीब मजदूर रहता था जो मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा था तथा वह गरीब मजदूर व्यक्ति मां दुर्गा का बड़ा भक्त था। एक दिन की बात है मजदूर के सपने में माता आई जिसमें माता ने उसे मजदूर को साक्षात दर्शन दिए। फिर उसे मजदूर की सभी मनोकामना पूरी होती गई। संडी गांव में सिद्धि माता का मंदिर का निर्माण 1965 से 1995 के आसपास किया गया। तथा मनोकामना की पूर्ति होने पर यहां बकरे की बलि दी गई। जिसके कारण यह प्रथा चली आ रही है कि होली के दूसरे दिन से 13 दिनों तक सिद्धि माता को प्रसन्न करने के लिए बकरे की बलि दी जाए।
बेमेतरा जिले में स्थित सिद्धि माता मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो मांस सिद्धि देवी को समर्पित है। सिद्धि माता मंदिर अपने चमत्कार के लिए जाना जाता है जिसके कारण यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भक्तमाता के दर्शन करने के लिए आते हैं। नीचे मैंने बेमेतरा में स्थित सिद्धि माता मंदिर तक पहुंचाने के लिए यात्रा के साधन सुझाए हैं जिनकी सहायता से आप यहां पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग
सिद्धि माता मंदिर बेमेतरा शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित है। जिसके कारण मंदिर तक पहुंचने के लिए कई सार्वजनिक बसें और निजी टैक्सियां उपलब्ध हैं। यदि आप अपनी कार से यात्रा कर रहे हैं, तो बेमेतरा शहर से मंदिर तक पहुंचने में लगभग 30 मिनट लग सकते हैं। तथा आप वहां पहुंचकर माता सिद्धि के दर्शन कर सकते हैं।
रेल मार्ग
बेमेतरा शहर में एक रेलवे स्टेशन है जो देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। जिसके कारण आप बेमेतरा रेलवे स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। तथा वहां पहुंचकर माता सिद्धि के दर्शन कर सकते हैं।
सिद्धि माता मंदिर के पास रहने के लिए स्थान
सिद्धि माता मंदिर के पास कई होटल और धर्मशालाएं हैं। आप अपनी बजट और सुविधा के अनुसार किसी भी स्थान पर रह सकते हैं