पूरब टाइम्स दुर्ग । नई दिल्ली में देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 28 और 29 सितंबर को आयोजित हुआ,जिसमे दुर्ग इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद अली हिरानी , चेयरमेन पवन बडजात्या और युवा अध्यक्ष पीयूष देसलहरा इस बैठक में समिलित हुए। जिसमे देश भर से लगभग 350 पदाधिकारी उपस्थित थे।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कैट सलाहकार स्मृति ईरानी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “छोटे व्यापारी वर्तमान में भारतीय खुदरा बाजार का 90% हिस्सा बनाते हैं और देश के निर्यात में 45% का योगदान करते हैं। 2023 में उनका व्यापारिक कारोबार 480 बिलियन था और यह आंकड़ा 2025 तक 1.3 ट्रिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। इसलिए हमें निर्यात को बढ़ावा देने और व्यापारियों के लिए व्यापार करने में आसानी को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”मोहम्मद अली हिरानी बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग( CCI) द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट, जो ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजऩ और फ्लिपकार्ट की गंभीर प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को उजागर करती है, के मद्देनजर देश भर के व्यापारी, कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के नेतृत्व में, इन कंपनियों के खिलाफ तुरंत कारवाई करने की मांग के लिए एक बड़े देशव्यापी अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह निर्णय नई दिल्ली में कैट द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार शिखर सम्मेलन के समापन पर लिया गया।
कैट के युवा अध्यक्ष ने बताया कि CCI रिपोर्ट ने कई अनैतिक प्रथाओं को उजागर किया है जिनका छोटे और मध्यम व्यापारियो पे गंभीर प्रभाव पड़ा है । इनमें भारी छूट, चुनिंदा विक्रेताओं को वरीयता देना और प्रतिस्पर्धा के मानदंडों का उल्लंघन शामिल है। यह निष्कर्ष और भी पुष्टि करते हैं कि ये ई-कॉमर्स प्लेटफार्म ऐसे तरीके अपना रहे हैं जो प्रतिस्पर्धा के समान अवसरों को विकृत करते हैं, जिससे लाखों व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को अपूरणीय क्षति हो रही है। पवन बडजात्या ने बताया कि इस देशव्यापी अभियान का उद्देश्य CCI पर दबाव बनाना है कि वह अमेजऩ और फ्लिपकार्ट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही शुरू करे, जिन्होंने भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर छोटे व्यवसायों के हितों को नुकसान पहुंचाया है। व्यापारी एकजुट होकर तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे, जिसमें कानून की संबंधित धाराओं के तहत अभियोजन शामिल होगा।