Poorab times
– कम जगह, ज्यादा उत्पादन: वर्टिकल फार्मिंग में सीमित जगह में भी अधिक फसलें उगाई जा सकती हैं। – जल की बचत: पारंपरिक खेती की तुलना में 70-90% तक कम पानी लगता है। – रसायनों से मुक्ति: कम कीटनाशक उपयोग के कारण फसलें स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक होती हैं। – जलवायु नियंत्रण: फसलों के लिए तापमान, नमी और लाइट को नियंत्रित किया जा सकता है।