बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर दिखता है। अस्थमा रोगियों के लिए प्रदूषण में खुद को सुरक्षित रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। वहीं जो लोग धूम्रपान करते हैं, जिनका लाइफस्टाइल हैल्दी नहीं, उन्हें भी लंग्स इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। इस समय भारत में कई जगहों पर एयर क्वालिटी काफी खराब चल रही है। पटाखों व अन्य कई तरह का जहरीला धुआं फेफड़ों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। फेफड़ों में अगर लगातार गंदगी जमती रहे तो यह आगे चलकर कई तरह की परेशानियां दे सकती हैं इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप समय-समय पर फेफड़ों को डिटॉक्स करते रहें। लंग्स स्ट्रॉग्स होंगे तो वह हर तरह की इंफेक्शन से बचे रहेंगे। इन दिनों फिर से कोरोना के केस सुनने को मिल रहे हैं। इन बढ़ते केसेज में खुद के फेफड़ों को हैल्दी बनाए रखने के लिए कुछ नेचुरल डिटॉक्स नुस्खे फॉलो करते रहें।
फेफड़ों के लिए बेस्ट होममेड काढ़ा |
फेफड़ों के लिए एक अच्छा होममेड काढ़ा बनाने से ना केवल इम्यूनिटी मजबूत होती है बल्कि काढ़े में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
सामग्रीः अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कटा हुआ या कद्दूकस किया हुआ)
तुलसी के पत्ते – 8-10 पत्ते
हल्दी (Turmeric) – ½ छोटी चम्मच (अगर ताजे हल्दी का पेस्ट मिल सके तो और बेहतर)
काली मिर्च ) – 1-2 चुटकी
दारचीनी – 1 छोटा टुकड़ा
लहसुन – 2-3 कलियां (कटी हुई)
शहद – 1-2 चम्मच (स्वाद के लिए)
नींबू का रस – 1 चम्मच
पानी – 1-1.5 कप
विधि: एक छोटे बर्तन में 1-1.5 कप पानी डालें और उसे उबालने के लिए रखें। जब पानी उबालने लगे तो उसमें अदरक, तुलसी के पत्ते, हल्दी, काली मिर्च, दालचीनी और लहसुन डालें। सारी सामग्री को 5 से 10 मिनट उबालें ताकि सारा सामान पानी में घुल जाए फिर मिश्रण को छान कर कप मे निकालें। स्वाद के लिए काढ़े में 1-2 चम्मच शहद और 1 चम्मच नींबू का रस डालें। शहद गर्म पानी में डालने से इसके लाभ में कोई कमी नहीं आती, लेकिन इसे उबालते हुए पानी में डालने से उसकी औषधीय गुण कम हो सकते हैं इसलिए उसे ठंडा होने पर ही डालें। इस काढ़े को दिन में 2 से 3 बार पी सकते हैं। खासकर सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले पीने से ज्यादा फायदा होगा।