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Thursday, November 13, 2025
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सरकार लगाएगी ग्रीन टैक्स, हिल स्टेशन नैनीताल यात्रा अब हुई महंगी

उत्तराखंड की खूबसूरत झीलों की नगरी नैनीताल में अब वाहन लेकर जाना पहले से ज्यादा महंगा पडऩे वाला है। राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से बाहरी वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। यह टैक्स दिसंबर से लागू किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को अब नैनीताल में वाहन प्रवेश के लिए अतिरिक्त राशि देनी होगी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए नई पहल-राज्य सरकार का यह कदम नैनीताल के बढ़ते वाहन प्रदूषण और पर्यावरणीय दबाव को कम करने की दिशा में उठाया गया है। नैनीताल जैसे पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर हर साल लाखों पर्यटक वाहन लेकर पहुंचते हैं, जिससे न केवल ट्रैफिक की समस्या बढ़ती है बल्कि झीलों और वायु की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। सरकार का मानना है कि “ग्रीन टैक्स” लगाने से लोगों को सार्वजनिक परिवहन या साझा वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे शहर का पर्यावरण संतुलित रहेगा।
कितना देना होगा शुल्क?-

वर्तमान में नैनीताल में प्रवेश करने वाले बाहरी वाहनों को टोल टैक्स के रूप में 300 और पार्किंग शुल्क 500 देना होता है। अब इसके साथ ही सरकार ने ग्रीन टैक्स 80 प्रतिदिन तय किया है। यानी, अब एक कार लेकर नैनीताल जाने पर कुल 880 शुल्क देना होगा। हालांकि, दोपहिया वाहनों को फिलहाल इस ग्रीन टैक्स से छूट दी गई है। नगर पालिका नैनीताल के ईओ रोहिताश शर्मा के अनुसार, अलग-अलग वाहनों के लिए अलग-अलग दरें तय की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लिया गया है और मुख्य उद्देश्य है “पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण।”
पर्यटन कारोबारियों ने जताई नाराजगी-नैनीताल के पर्यटन कारोबारियों ने सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पहले से ही नैनीताल में महंगे पार्किंग चार्ज और टोल टैक्स के कारण पर्यटक परेशान हैं। अब इस नए टैक्स से पर्यटन कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पर्यटन व्यवसायी राजकुमार गुप्ता ने कहा-“ऑफ सीजन में जहां 800 या उससे कम किराए में होटल का कमरा मिल जाता है, वहीं अब सिर्फ वाहन का प्रवेश शुल्क ही कमरे के किराए से ज्यादा हो जाएगा। इससे मध्यम वर्गीय पर्यटक नैनीताल आना कम कर देंगे।”
होटल उद्योग पर असर की चिंता-पंगोट होटल एंड कैंप एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रिभुवन फत्र्याल ने कहा कि एक ओर सरकार ‘एक राष्ट्र-एक टैक्स’ की बात करती है, वहीं दूसरी ओर नया टैक्स लागू करना विरोधाभासी है। उन्होंने कहा, “नैनीताल में पहले से ही प्रवेश और पार्किंग शुल्क काफी अधिक है। अब अतिरिक्त टैक्स से पर्यटक संख्या घटेगी और कारोबार पर असर पड़ेगा।”
विशेषज्ञों की राय: “संतुलन जरूरी है”-पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का उद्देश्य सराहनीय है, लेकिन इसे लागू करने से पहले जनजागरूकता और वैकल्पिक व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए। जैसे पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था, ईको-फ्रेंडली वाहनों को बढ़ावा देना और साझा टैक्सी सेवाओं को प्रोत्साहित करना। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन पर भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
नैनीताल की यात्रा अब पहले से महंगी जरूर हो गई है, लेकिन अगर इससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है, तो यह कदम भविष्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हालांकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यटक और स्थानीय व्यवसायी दोनों इस निर्णय से संतुलित लाभ उठा सकें।

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