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बस्तर स्वर्ग जैसा सुन्दर ,जानिये सांस्कृतिक राजधानी के बारे में

बस्तर, जिसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है, अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र घने जंगलों, हरे-भरे पर्वतों और जलप्रपातों से घिरा हुआ है, जो इसे स्वर्ग जैसा सुन्दर बनाते हैं। बस्तर की आदिवासी परंपराएं, हस्तशिल्प, लोक कला और संस्कृति इसे और भी अनूठा और आकर्षक बनाती हैं। यहाँ के मेले, त्यौहार और नृत्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीता-जागता उदाहरण हैं।

बस्तर का उल्लेख करते समय, उसकी आदिवासी संस्कृति का जिक्र करना जरूरी है, क्योंकि यह छत्तीसगढ़ के इस हिस्से की आत्मा है। यहां की प्रमुख आदिवासी जनजातियाँ जैसे गोंड, मुरिया, हल्बा, और बायसन-हॉर्न मारिया अपनी प्राचीन परंपराओं, रीति-रिवाजों और कला शैलियों के लिए प्रसिद्ध हैं।

धरोहर:
बस्तर का दशहरा त्यौहार, जो करीब 75 दिन तक चलता है, पूरी दुनिया में अनोखा है और इसे श्रद्धा, उत्साह और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा, दंतेवाड़ा में स्थित माँ दंतेश्वरी मंदिर और नारायणपाल का विष्णु मंदिर यहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य:
बस्तर की प्राकृतिक सुन्दरता यहाँ के जलप्रपातों, जैसे चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपातों में देखी जा सकती है। चित्रकोट जलप्रपात को भारत का ‘नायग्रा’ कहा जाता है, और इसकी भव्यता देखने लायक होती है।

हस्तशिल्प और कला:
बस्तर का धातु शिल्प, जिसे ढोकरा कला के नाम से जाना जाता है, पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस कला में पीतल या अन्य धातुओं से अद्वितीय मूर्तियाँ और सजावटी वस्तुएं बनाई जाती हैं। इसके अलावा, लकड़ी की नक्काशी, टेराकोटा शिल्प और बांस से बनी वस्तुएं भी यहाँ के प्रमुख हस्तशिल्प में शामिल हैं।

बस्तर के बारे में जितना बताया जाए, उतना ही कम है। इसकी संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता, और धार्मिक महत्व इसे छत्तीसगढ़ का एक अनमोल रत्न बनाते हैं।

बस्तर में कई खास पर्यटन स्थल हैं जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों का विवरण दिया गया है:

1. चित्रकोट जलप्रपात

  • इसे ‘भारत का नायग्रा’ कहा जाता है। यह भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है और मानसून के दौरान इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है। हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित यह प्रपात बस्तर का प्रमुख आकर्षण है।

2. तीरथगढ़ जलप्रपात

  • यह एक और खूबसूरत जलप्रपात है जो कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है। यहाँ का शांत वातावरण और बहती पानी की आवाज एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती है।

3. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवन प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है। यहाँ तेंदुआ, भालू, और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। उद्यान के अंदर कुटुमसर गुफाएं भी हैं, जो भूमिगत गुफाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।

4. कुटुमसर गुफाएँ

  • यह भारत की सबसे लंबी प्राकृतिक गुफाओं में से एक है। इस गुफा के अंदर स्टैलैक्टाइट्स और स्टैलाग्माइट्स की संरचनाएँ देखने योग्य हैं। हालांकि, गुफा के अंदर अंधेरा रहता है, इसलिए गाइड के साथ जाना आवश्यक होता है।

5. बस्तर दशहरा

  • दशहरा के समय बस्तर में जाना एक अनोखा अनुभव होता है। यह पर्व लगभग 75 दिनों तक चलता है और इसे बस्तर के राजा की उपस्थिति में मनाया जाता है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का पर्व है जिसमें आदिवासी परंपराएँ और रीति-रिवाज जीवंत होते हैं।

6. दंतेवाड़ा का माँ दंतेश्वरी मंदिर

  • यह छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहाँ हर साल नवरात्रि के समय हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

7. बारसूर का ऐतिहासिक नगर

  • बारसूर में 9वीं और 10वीं शताब्दी के प्राचीन मंदिर और मूर्तियाँ देखने लायक हैं। यहाँ का गणेश मंदिर और बत्तीसा मंदिर (32 स्तंभों वाला मंदिर) प्रमुख आकर्षण हैं।

8. नारायणपाल मंदिर

  • यह प्राचीन विष्णु मंदिर है, जो नारायणपाल गाँव में स्थित है। यहाँ की मूर्तियों और मंदिर की स्थापत्य कला अद्भुत है, और यह ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित है।

9. कोंडागांव का हस्तशिल्प केंद्र

  • बस्तर का कोंडागांव जिला अपने ढोकरा कला और अन्य हस्तशिल्पों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के कलाकारों द्वारा बनाई गई धातु की मूर्तियाँ, लकड़ी की नक्काशी, और बांस के शिल्प पूरे देश में मशहूर हैं।

10. जगदलपुर

  • बस्तर का मुख्यालय जगदलपुर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ का दलपत सागर झील और हंथीभाठा का शिलालेख देखने लायक है।

बस्तर के ये पर्यटन स्थल इसे अनूठा और पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक बनाते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता, और ऐतिहासिक धरोहर का अनुभव अविस्मरणीय होता है।

बस्तर पहुँचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, क्योंकि यह छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है और अच्छी तरह से सड़कों, रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां बताया गया है कि आप बस्तर कैसे पहुंच सकते हैं:

1. हवाई मार्ग से:

  • निकटतम हवाई अड्डा: जगदलपुर हवाई अड्डा (Ma Danteshwari Airport) बस्तर के नजदीक है। यह हवाई अड्डा रायपुर और विशाखापत्तनम से जुड़ा हुआ है।
  • अन्य विकल्प: रायपुर हवाई अड्डा (Swami Vivekananda Airport), जो बस्तर से लगभग 300 किलोमीटर दूर है, एक और प्रमुख हवाई अड्डा है। रायपुर से बस्तर तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी या बस का उपयोग कर सकते हैं।
  • विशाखापत्तनम: विशाखापत्तनम हवाई अड्डा भी बस्तर के करीब है, जो लगभग 320 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

2. रेल मार्ग से:

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: जगदलपुर रेलवे स्टेशन, बस्तर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन विशाखापत्तनम, रायपुर, और बिलासपुर जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • अन्य रेलवे स्टेशन: किरंदुल और दंतेवाड़ा भी नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। रायपुर या विशाखापत्तनम से ट्रेन लेकर आप इन स्टेशनों तक पहुँच सकते हैं और फिर वहाँ से सड़क मार्ग से बस्तर जा सकते हैं।

3. सड़क मार्ग से:

  • बस सेवा: बस्तर के लिए रायपुर, विशाखापत्तनम, और अन्य प्रमुख शहरों से सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ राज्य परिवहन और निजी बस ऑपरेटर बस्तर के लिए नियमित रूप से सेवाएं प्रदान करते हैं।
  • टैक्सी/कार: यदि आप खुद ड्राइव करना पसंद करते हैं, तो आप रायपुर, विशाखापत्तनम, या किसी अन्य निकटवर्ती शहर से टैक्सी या निजी वाहन किराए पर लेकर बस्तर पहुंच सकते हैं। सड़कों की स्थिति अच्छी है, और यात्रा के दौरान आप छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

4. आंतरिक परिवहन:

  • बस्तर के भीतर घूमने के लिए स्थानीय टैक्सी, ऑटो रिक्शा, और किराए पर बाइक उपलब्ध हैं। पर्यटन स्थलों के बीच की दूरी को देखते हुए, यात्रा के लिए एक निजी वाहन किराए पर लेना एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है।

बस्तर का सफर न केवल आपको छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से रूबरू कराएगा, बल्कि आपको यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का भी अद्भुत अनुभव मिलेगा।

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