प्राणपुर गांव (जिला अशोकनगर, मध्य प्रदेश) को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान क्राफ्ट (हस्तशिल्प) श्रेणी में प्रदान किया गया है, जिससे प्राणपुर को देश का पहला क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज बनने का गौरव प्राप्त हुआ है
प्राणपुर की विशेषताएं
- स्थान: प्राणपुर गांव, चंदेरी तहसील से लगभग 4 किमी दूर स्थित है।
- हथकरघा बुनाई: गांव में लगभग 243 घरों में हथकरघा बुनाई का कार्य किया जाता है, जहां करीब 550 हाथकरघों पर लगभग 900 बुनकर चंदेरी वस्त्रों की बुनाई करते हैं ।
- पर्यटन विकास: मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्राणपुर को क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज के रूप में विकसित किया गया है, जिससे यहां के बुनकरों को आर्थिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक संरक्षण में सहायता मिली है।
- पुरस्कार की प्रक्रिया
- इस पुरस्कार के लिए देशभर से 900 गांवों ने आवेदन किया था, जिनमें से 36 गांवों को विभिन्न श्रेणियों में चुना गया। प्राणपुर को क्राफ्ट श्रेणी में चुना गया, जबकि मध्य प्रदेश के ही साबरवानी और लाडपुरा खास गांवों को ‘रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म’ श्रेणी में सम्मानित किया गया ।
भविष्य की संभावनाएं
इस सम्मान से प्राणपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। यहां देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
क्या है खास – क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज
- गांव में चंदेरी साड़ियों और कपड़ों की बुनाई का पुराना और समृद्ध इतिहास है।
- लगभग 900 बुनकर, 550 से अधिक हथकरघों पर काम कर रहे हैं।
- यहाँ के घरों में ही छोटे हैंडलूम स्टूडियो हैं, जहाँ पर्यटक बुनाई की प्रक्रिया देख और सीख सकते हैं।
- पर्यटन अनुभव
- लाइव बुनाई डेमो: आप खुद बुनकरों से मिल सकते हैं और हथकरघा चलाना सीख सकते हैं।
- स्थानीय हस्तशिल्प खरीदारी: प्रामाणिक चंदेरी साड़ियाँ, दुपट्टे और सूट-पीस सीधे कारीगरों से खरीद सकते हैं।
- ग्रामीण जीवन का अनुभव: स्थानीय व्यंजन, पारंपरिक रहन-सहन और ग्रामीण संस्कृति में डूब जाने का अवसर।