fbpx

Total Users- 605,568

Total Users- 605,568

Tuesday, January 14, 2025

डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास

डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहाँ मां बम्लेश्वरी का शक्तिपीठ है। यह मंदिर विशेष रूप से हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच अत्यधिक श्रद्धा और सम्मान का केंद्र है। मां बम्लेश्वरी देवी की पूजा शक्ति, भक्ति, और विश्वास का प्रतीक मानी जाती है।

मंदिर का इतिहास:

  • मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है, जो प्राचीन काल से ही स्थानीय जनसमूह के बीच पूजा जाता रहा है। यह मंदिर एक शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है और शक्ति के प्रतीक के रूप में मां बम्लेश्वरी की पूजा होती है। मंदिर के इतिहास के बारे में किंवदंतियाँ हैं कि यह स्थान एक प्राचीन काल में देवी ब्रह्माणी के वास स्थान के रूप में था, और बाद में इसे बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाने लगा।
  • मान्यता है कि इस स्थान पर मां बम्लेश्वरी देवी ने अपने भक्तों को शक्ति और आशीर्वाद देने के लिए वास किया। यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से इस स्थान को पवित्र किया था, और फिर देवी ने यहां निवास करना शुरू किया।
  • मां बम्लेश्वरी देवी की मूर्ति बहुत ही प्राचीन और शक्तिशाली मानी जाती है। यह मूर्ति प्राकृतिक रूप से स्थापित की गई थी और मंदिर के अंदर इसके दर्शन होते हैं। मंदिर में स्थित मूर्ति की पूजा में भक्त श्रद्धा और भक्ति से सम्मिलित होते हैं।

मंदिर की विशेषताएँ:

  1. वास्तु और निर्माण:
    • यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, जिससे यहां से पूरे डोंगरगढ़ और आसपास के क्षेत्र का दृश्य दिखाई देता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए एक सुंदर चढ़ाई है, जो भक्तों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।
    • मंदिर में शिवलिंग के साथ मां बम्लेश्वरी की मुख्य मूर्ति प्रतिष्ठित है। यह मूर्ति काले पत्थर से बनी है और इसका आकार बहुत विशाल है।
  2. दर्शन और पूजा:
    • मां बम्लेश्वरी के मंदिर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है, जिसमें भक्त नवरात्रि, दीपावली, और दशहरा जैसे प्रमुख त्योहारों पर विशेष अनुष्ठान करते हैं। इस दौरान विशेष भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर से भक्त आते हैं।
  3. भक्तों की आस्था:
    • मंदिर में जाने वाले भक्तों की मान्यता है कि मां बम्लेश्वरी उनकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं और उन्हें हर संकट से उबारती हैं। यह मंदिर उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो शक्ति और सुरक्षा की पूजा करते हैं। यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
  4. उत्सव और मेले:
    • नवरात्रि के समय में मंदिर में विशेष पूजा, भजन कीर्तन, और हवन का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, दशहरा और दीपावली जैसे प्रमुख पर्वों पर भी विशेष अनुष्ठान होते हैं।
    • हर साल नवरात्रि के दौरान यहां एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें देशभर से लोग आते हैं और मंदिर के दर्शन करके मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कैसे पहुँचे:

  1. वायु मार्ग: डोंगरगढ़ का नजदीकी एयरपोर्ट रायपुर है, जो लगभग 100 किमी दूर स्थित है। रायपुर से डोंगरगढ़ तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  2. रेल मार्ग: डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन है और रायपुर, नागपुर और बिलासपुर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी है।
  3. सड़क मार्ग: डोंगरगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है और यहां तक पहुँचने के लिए बस और निजी वाहनों की सुविधा उपलब्ध है।

निष्कर्ष:

मां बम्लेश्वरी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और अद्वितीय स्थान भी इसे एक आकर्षक तीर्थ स्थल बनाता है। यहां की प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ यहां की दिव्यता भक्तों को आकर्षित करती है। इस मंदिर में आस्था रखने वाले लोग मां से अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि की कामना करते हैं।

More Topics

रोहित शर्मा ने की अभ्यास की शुरुआत, वायरल हुई तस्वीर मुंबई की रणजी टीम के साथ

भारतीय क्रिकेट कप्तान रोहित शर्मा वापसी करने के लिए...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े