घटारानी मंदिर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच स्थित है और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां का प्रमुख आकर्षण देवी घटारानी का मंदिर और उसके पास स्थित सुंदर जलप्रपात (झरना) है।
मंदिर का धार्मिक महत्व:
घटारानी मंदिर में देवी घटारानी की पूजा की जाती है, जिन्हें वनदेवी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कमार जनजाति द्वारा सोलहवीं शताब्दी में बनवाया गया था। यहां मां दुर्गा, भगवान राम और नरसिंह भगवान की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर के गर्भगृह में माता घटारानी की मूर्ति विराजमान है, और एक जलधारा माता के चरणों को स्पर्श करते हुए बहती है, जिसे माता की सेविका माना जाता है।
प्राकृतिक सौंदर्य:मंदिर के पास स्थित झरना इस स्थान की सुंदरता को और बढ़ाता है। यह झरना मानसून के बाद पूर्ण प्रवाह में होता है, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। झरने के नीचे बना प्राकृतिक पूल स्नान के लिए उपयुक्त है, और आसपास का क्षेत्र पिकनिक के लिए एक पसंदीदा स्थान है।
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा रायपुर है, जो घटारानी से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रायपुर से टैक्सी या बस के माध्यम से घटारानी पहुंचा जा सकता है।रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन रायपुर है, जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। वहां से टैक्सी या बस के माध्यम से घटारानी पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग: रायपुर से घटारानी तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। रायपुर से जतमई मंदिर होते हुए घटारानी की दूरी लगभग 85 किलोमीटर है। रायपुर से जतमई तक का मार्ग पक्का है, लेकिन जतमई से घटारानी तक का मार्ग कच्चा है, इसलिए मानसून के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए।
उत्सव और मेले:नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस समय मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है, और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
घटारानी मंदिर प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का संगम है, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है।