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Monday, March 24, 2025
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025: पीएम मोदी ने महिलाओं को समर्पित किया सोशल मीडिया अकाउंट, ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली ने साझा की प्रेरणादायक कहानी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अनोखी पहल करते हुए अपना सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं को समर्पित कर दिया, जिन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत के दम पर देश का नाम रोशन किया है। इस खास मौके पर भारत की शतरंज ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली ने पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल से अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा की।

ग्रैंडमास्टर वैशाली की प्रेरक यात्रा

केरल की शतरंज ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली ने पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट से अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए लिखा, “वणक्कम… मैं शतरंज ग्रैंडमास्टर वैशाली हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोशल मीडिया हैंडल संभालने के लिए रोमांचित हूं।”

उन्होंने बताया कि वे 6 साल की उम्र से शतरंज खेल रही हैं और इस खेल ने उनके जीवन में सीखने, रोमांच और उपलब्धियों का नया मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कई टूर्नामेंटों और ओलंपियाड में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और देश के लिए गर्व की कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

महिलाओं के लिए वैशाली का संदेश: बाधाओं को तोड़ें और सपनों का पीछा करें

महिला दिवस के अवसर पर वैशाली ने सभी महिलाओं और लड़कियों को प्रेरित करते हुए कहा, “जीवन में कितनी भी बाधाएं आएं, अपने सपनों का पीछा करें। आपका जुनून ही आपकी सफलता की ताकत बनेगा। मैं सभी महिलाओं से कहना चाहती हूं कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए किसी भी क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को तोड़ें।”

उन्होंने यह भी कहा कि खेल जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक है और युवाओं को इसमें सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। उन्होंने अपनी FIDE रैंकिंग में सुधार करने और भारत को और अधिक गौरवान्वित करने की इच्छा भी व्यक्त की।

आर. वैशाली: भारत की तीसरी महिला ग्रैंडमास्टर

आर. वैशाली रमेशबाबू भारतीय शतरंज की एक उभरती हुई प्रतिभा हैं। वह ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंद की बहन हैं और भारत की तीसरी महिला ग्रैंडमास्टर बन चुकी हैं। उनका जन्म 21 जून 2001 को हुआ था, जो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

प्रमुख उपलब्धियां:

  • 2023 में महिला ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट में जीत हासिल की।
  • 2024 में महिला विश्व ब्लिट्ज़ शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
  • भारत की 84वीं ग्रैंडमास्टर बनीं।
  • कोनेरू हम्पी और हरिका द्रोणावल्ली के बाद तीसरी भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव प्राप्त किया।
  • उनके भाई आर. प्रगनानंद भी ग्रैंडमास्टर हैं, जिससे वे पहली भारतीय भाई-बहन की जोड़ी बन गए हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित खिताब मिला है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम

पीएम मोदी की इस पहल ने उन महिलाओं को पहचान और सम्मान देने का कार्य किया है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। वैशाली की यह कहानी न केवल शतरंज खिलाड़ियों के लिए बल्कि हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने की राह पर ह।

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