fbpx

शायरी कलेक्शन भाग 10 : शराब प्रेमियों की भावनाएं

पिछले कई हफ्तों में मैंने मज़ेदार शायरिया , जोश भर देने वाली , दोस्ती पर , शराबी दिल के जज़्बों
को इज़हार करती व मंच संचालन के वक़्त बोली जा सकने वाली शायरियों के संकलन को आपके सामने
प्रस्तुत किया था . फिर हिन्दी के प्रख्यात लेखक दुष्यंत कुमार के कुछ खास व प्रसिद्ध पद्यांश आपके
समक्ष प्रस्तुत किये, जिनका बहुधा भाषणों में प्रयोग किया जाता है . इस रविवार शायरियां जो कि
शराब प्रेमी की भावनाएं प्रकट करती हैं .

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई

ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो

अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में
अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में

न तुम होश में हो न हम होश में हैं
न तुम होश में हो न हम होश में हैं
चलो मय-कदे में वहीं बात होगी

क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँ
क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँ
रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन

आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए
तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की

चुरा रही है वही मेरे ख्वाब आंखो से,
चुरा रही है वही मेरे ख्वाब आंखो से,
पिला रही है जो मुझको शराब आंखो से

उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,
उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,
जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं

हमने होश संभाला तो संभाला तुमको
हमने होश संभाला तो संभाला तुमको
तुमने होश संभाला तो संभलने न दिया

किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का,
किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का,
जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है

दारु चढ के उतर जाती है, पैसा चढ जाये तो उतरता नही
दारु चढ के उतर जाती है, पैसा चढ जाये तो उतरता नही
आप अपने नशे में जीते है ,हम जरा सी शराब पीते हैं

ना तज़ुर्बाकारी से वाइज़ की ये बाते हैं
ना तज़ुर्बाकारी से वाइज़ की ये बाते हैं
इस रंग को क्या समझें , पूछो तो कभी पी है

तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालों में,
तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालों में,
वो फिर से आने लगी है मेरे ख्यालों में

गोरे रंग का घमंड हमे मत दिखाओ,
गोरे रंग का घमंड हमे मत दिखाओ,
हमने दूध से ज्यादा शराब के दीवाने देखे हैं

कौन कहता है शराब गम भुला देती है,
कौन कहता है शराब गम भुला देती है,
मैने अच्छे अच्छों को नशे में रोते देखा है

शराब छोड़ कर जाऊं तो किधर जाऊं मैं,

शराब छोड़ कर जाऊं तो किधर जाऊं मैं,
तेरे बारे में ना सोचूं तो फिर मर जाऊं मैं

मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है,
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है,
करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात

( अगले रविवार फिर से शायरियों का गुलदस्ता )
मधुर चितलांग्या, संपादक,
दैनिक पूरब टाइम्स

More Topics

वीर नारायण सिंह के माता का नाम , जानिए इनके बारे में

श्रीमती सिंगारनी वीर नारायण सिंह की माता थीं, और...

भारत की प्रमुख नकदी फसल कौन सी है

भारत की प्रमुख नकदी फसलों में शामिल हैं: 1. कपास...

बादल कितने प्रकार के होते है

बादल वे जलवाष्प के छोटे-छोटे कण होते हैं जो...

आंवला खाने के फायदे

आंवला (Amla) एक बहुत ही पौष्टिक फल है, जिसे...

खुशहाल ज़िंदगी जीने के लिए कुछ आसान और प्रभावी टिप्स

खुशहाल ज़िंदगी जीने के लिए कुछ आसान और प्रभावी...

जाने क्यों दिग्विजय दिवस स्वामी विवेकानंद से जुड़ा है

11 सितंबर को दिग्विजय दिवस हर साल मनाया जाता...

‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ का टीजर आउट

राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी अभिनीत 'विक्की विद्या का...

Bagheera, कन्नड़ स्टार श्रीमुरली की थ्रिलर फिल्म, इस दिन सिनेमाघरों में धमाल मचाएगी

होम्बले फिल्म्स की आगामी फिल्म 'बघीरा' सिनेमाघरों में धमाल...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े