Total Users- 634,767

spot_img

Total Users- 634,767

Sunday, February 16, 2025
spot_img

क्या होता है स्त्रीधन ? यह स्त्रीधन दहेज से कैसे अलग ? क्यों हो जाता है स्त्रीधन के बारे में महिला को जानना आवश्यक ?

दहेज के बारे में तो सभी  जानते ही हैं,  लेकिन स्त्रीधन क्या है ? दहेज और स्त्रीधन में क्या फर्क है ? इस बारे में विस्तार से जानकारी

सबने स्त्री-धन के बारे में सुना होगा, लेकिन वास्तव में क्या होता है? इसके शाब्दिक अर्थ पर जाएं तो इसे स्त्रीधन कहा जाता है। लेकिन इसकी कानूनी परिभाषा कुछ अलग है। भारत में स्त्रीधन किसी महिला को मिले हर उपहार को कहते हैं। वह गिफ्ट उसे शादी के दिन या शादी से पहले या बाद में मिला हो। वह हर उपहार पर पूरी तरह से स्वामित्व रखती है और उसे जैसे चाहे वैसे इस्तेमाल कर सकती है। स्त्रीधन में पैसा, गहने, जमीन या रसोई घर का कोई सामान भी शामिल हो सकता है।

यहां यह भी बताना महत्वपूर्ण है कि दहेज और स्त्रीधन एक नहीं हैं। दोनों बहुत अलग हैं। स्त्रीधन पर पूरी तरह एक महिला का अधिकार होता है और उसका पति या परिवार भी इसे अपने अधिकार में नहीं ले सकता है। स्त्रीधन को महिला की संपत्ति कहा जा सकता है। हिंदू कानून के अनुसार, स्त्रीधन में शादी से पहले, शादी पर, या शादी के बाद महिला को मिले सभी गिफ्ट शामिल होते हैं। इसमें चल और अचल संपत्ति शामिल हैं।

स्त्रीधन और दहेज में क्या फर्क है?

जैसा कि ऊपर ही बताया जा चुका है कि स्त्रीधन किसी महिला को पिता, पति या किसी अन्य से मिला कोई भी गिफ्ट है, लेकिन इसे दहेज नहीं कहा जा सकता. स्त्रीधन अपनी मर्जी से दिया जाता है, मगर दहेज मर्जी से और मांगा हुआ भी हो सकता है. किसी भी रूप में दिया गया दहेज कानून की नजर में अवैध है. दहेज के मामले ‘दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961’ के तहत आते हैं.

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में स्त्रीधन और दहेज में फर्क साफ किया था. कोर्ट ने स्त्रीधन की व्याख्या कुछ इस प्रकार की-

•             -शादी समारोह से पहले मिले गिफ्ट

•             -शादी के दौरान मिले उपहार

•             -प्यार में मिले सभी तरह के गिफ्ट

•             -दुल्हन के माता-पिता और भाई से मिले सभी गिफ्ट

कोर्ट ने तब यह भी कहा था कि स्त्रीधन की मालिक महिला ही होती है. यदि उसका पति वह लौटाने से इनकार करे तो, हिन्दू कानून के तहत उस पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के अनुसार-

•             -केवल दुल्हन के उपयोग की सभी चीजें,

•             -ऐसी चीजें जिन्हें वह अपने पति के साथ इस्तेमाल करती है,

•             -पति के परिवार की तरफ से मिले गिफ्ट.

ये सभी चीजें स्त्रीधन में आती हैं. एक अन्य फैसले में कहा गया था कि यदि कोई महिला अपनी प्रॉपर्टी, गहनों या पैसे इत्यादी पर क्लेम करती है, जोकि उसे शादी के समय मिले थे, तो पति और उसके परिवार के लोगों को वह प्रॉपर्टी लौटानी ही होगी. यदि स्त्रीधन लौटाया नहीं जाता है, तो पति और उसके परिवार को सख्त सजा मिल सकती है.

More Topics

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव 2025: भाजपा का क्लीन स्वीप, कांग्रेस का सफाया

छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव 2025: भाजपा का क्लीन स्वीप, कांग्रेस...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े