fbpx

साय सरकार जल्द लागू करेगी ये नई व्‍यवस्‍था , छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद फिर से शुरू होगी पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा

15 साल बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा की शुरुआत होगी, जिसका उद्देश्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और कसावट लाना है। इसे राज्य सरकार जल्द ही अनुमोदित करेगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के लागू होने के बाद बोर्ड परीक्षा प्रणाली समाप्त हो गई। इस अधिनियम में कहा गया था कि कोई भी विद्यार्थी परीक्षा में फेल नहीं हो सकता था। आठवीं तक बच्चों को कक्षा में नहीं ले जाना चाहिए। बच्चों को कमजोर होने पर रेमेडियल शिक्षा दी जानी चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यवस्था से स्कूलों में अनुशासित शिक्षा का अभाव हुआ है, जिससे इसका उल्टा प्रभाव पड़ा है। ज्यादातर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नुकसान हुआ है, लेकिन कुछ निजी और मॉडल स्कूलों में कमजोर बच्चों का शिक्षण किया जाता है।

इसलिए, लोक शिक्षण संचालनालय ने परीक्षा प्रणाली में बदलाव करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेना शुरू कर दिया है। परीक्षा के बाद बच्चों को पास या फेल करने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है।

पहले पांचवीं से आठवीं क्लास की परीक्षा जिला शिक्षा अधिकारी ने कराई थी। पांचवीं वर्ष में जिला प्राथमिक बोर्ड परीक्षा होती थी, जबकि आठवीं वर्ष में संभागीय पूर्व माध्यमिक बोर्ड परीक्षा होती थी। प्रदेश में संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय नहीं होता था जब पांचवीं-आठवीं की परीक्षाएं होती थीं।

अब प्रदेश में संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय होने से इन परीक्षाओं की जिम्मेदारी बड़े अधिकारियों को मिल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार अब बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था करने से अभिभावक और शिक्षक भी सतर्क हो जाएंगे। कापियां एक-दूसरे स्कूल में जांची जाएगी।

शिक्षाविद बीकेएस रे ने कहा कि नई व्यवस्था से बच्चों में आने वाली परीक्षाओं की जागरुकता बढ़ेगी और इस तरह की नई चुनौती का सामना कर सकेंगे। परीक्षा होने का दूसरा लाभ यह होगा कि वे परीक्षा की तैयारी करेंगे। बच्चों को परीक्षा से जवाबदेही मिलेगी। सरकार के इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूँ।

More Topics

डेल्टा निर्माण कैसे होता है: सरल विधियाँ और प्रक्रियाएँ

"डेल्टा का निर्माण कैसे होता है? जानें प्रभावी विधियाँ...

भारत का सबसे बड़ा जिला: चौंकाने वाले तथ्य

"जानें भारत का सबसे बड़ा जिला कच्छ के बारे...

अग्नि कितने प्रकार की होती है

अग्नि के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कई पुराणों, वैदिक...

हिंदी का पहला समाचार पत्र कब प्रकाशित हुआ

हिंदी का पहला समाचार पत्र "उदन्त मार्तण्ड" था, जिसे...

सक्रिय युवा: जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण समाधान

"सक्रिय युवा जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण की बड़ी...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े