उच्च शिक्षा विभाग
रविशंकर विश्वविद्यालय की गड़बड़ीपूर्ण कारनामा
छिपावट के साथ दफ़न कर दिया जायेगा , क्या ?
परेशान विद्यार्थियों के समस्याओं का निराकरण करने की पहल कितनी हुई ?
अध्यापकों के साथ होने वाले प्रशासकीय भेदभाव , क्या अब उजागर होंगे ?
क्या छत्तीसगढ़ का उच्च शिक्षा विभाग , अब रविशंकर वि.वि की जवाबदेही तय करेगा ?
पूरब टाइम्स , रायपुर . छत्तीसगढ़ का रविशंकर वि.वि से सबसे पुराने विश्ववियालय में से एक है . जिससे लगभग चार पीढ़ियों ने उच्च शिक्षा अभिप्राप्त की है . रविशंकर वि.वि से प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय है क्योंकि यह राजधानी रायपुर में महामहिम राज्यपाल कार्यालय का सबसे निकट का विश्वविद्यालय है . इस विश्व विद्यालय की विश्वनीयता व प्रतिष्ठा , छत्तीसगढ़ में सबसे ज़्यादा है परंतु इस बार विश्व विद्यालय के उच्चतम अधिकारियों द्वारा पारदर्शिता व जवाबदेही के अभाव के कारण नाम खराब होने की पूरी संभावना है . पूरब टाइम्स को मिली जानकारी के आधार पर विधिवत समय लेकर , उच्चाधिकारियों से एक मामले में जानकारी चाही तो समय देने की जगह , अपने निज सचिव के माध्यम से खबर दी की आगे आपसे संपर्क किया जायेगा . पूरब टाइम्स की एक रिपोर्ट .
रविशंकर वि.वि के अनियमित कार्य व्यवहार पर उंगली उठाने वाली सामाजिक अंकेक्षण नोटिस चर्चा में है
पूरब टाइम्स को लिखित में मिली जानकारी के अनुसार एक सामाजिक कार्यकर्ता अमोल मालुसरे ने रविशंकर वि.वि के पदेन उच्च्चाधिकारियों को नोटिस देकर जिन आधारभूत शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करवाने के मामले में प्रश्नांकित किया है . वे विषय है 1/शैक्षणिक सदस्य की नियुक्त: 2/अधि प्रशासनिक सदस्य से विश्विद्यालय कार्यवाहियों का अनुमोदन: 3/बाहरी सदस्य के सुझावों के आधार पर पाठ्यक्रमों का संशोधन: 4/छात्र प्रतिनिधि माडल: को विश्वविद्यालय कार्यवाहियों में महत्व देना और 5/ रविशंकर वि.वि की कार्यवाहियों को पारदर्शिता के दायरे में लाने की पदेन जिम्मेदारी सुनिश्चित करना उल्लेखनीय है की इन गंभीर मामलों के नोटिस विषय पर रविशंकर वि.वि प्रशासन चुप्पी साधकर शंकास्पद भूमिका में प्रतिक्रिया विहीन है ।
रजिस्ट्रार रविशंकर वि.वि के पदेन कार्य व्यवहार को विधिक चुनौती देने वाली नोटिस जवाबदेही तय करेगी
अनियमित कार्यव्यवहार प्रश्नांकित करने के अलावा रजिस्ट्रार को नोटिस देकर जिन गंभीर मामलों में सीधे विधिक चुनौती दी गई हैं . वे विषय बहुत गंभीर हैं १/नीति निर्माण: २/बजट का अनुमोदन: ३/नए पाठ्यक्रमों का अनुमोदन: ४/रिफ्रेशमेंट पाठ्यक्रमों प्रारंभ किए जाने का अनुमोदन: ५/अध्यापकों की नियुक्ति: ६/भवनों और अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण: ७/ विश्वविद्यालय की चल अचल परिसंपत्तियों का संरक्षण: और ८/विश्वविद्यालय के संबंध बाहरी संस्थाओं को मान्यता देने की कार्यवाही जैसे प्रशासनिक मामलों में नोटिस दी गई है । नोटिस विषय पर प्रतिक्रिया देने से विश्व विद्यालय प्रशासन का बचना एक बहुत ही बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है ।
छत्तीसगढ़ का उच्च शिक्षा विभाग प्रशासन रविशंकर वि.वि की गड़बड़ियों का कब तक मुकदर्शन करेगा ?
रविशंकर वि.वि के रजिस्ट्रार को सामाजिक अंकेक्षण हेतु व्यक्तिगत स्तर से दी गई विधिक नोटिस पर प्रतिक्रिया नहीं देने की जानकारी छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग को लगातार नोटिस प्रतिलिपि के तौर पर उपलब्ध कराई जा रही है . जिस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी संचालक उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ की है लेकिन संचालक ने समाचार लिखे जाने तक नोटिस विषय से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल कार्यालय, सचिव उच्च शिक्षा विभाग के कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करवाकर इसकी जानकारी से सर्व साधारण को अवगत करवाने की पदेन जिम्मेदारी पूरी नहीं की है . लोगों व मीडिया की निगाह में यह भी शंकास्पद लगने लगा है
मेरी जन्मभूमि छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग की शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करवाने के लिए आवश्यक विधिक कार्यवाही कर रहा हूं इसलिए रजिस्ट्रार रविशंकर वि.वि को प्रश्नांकित कर रहा हूं . अपेक्षित है कि वे प्रतिक्रिया देकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर देंगे ।
अमोल मालुसरे, सामाजिक कार्यकर्ता