सवा तीन साल पहले यानी फरवरी 2022 में जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई तो हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन में जंग के बीच फंस गए। उस वक्त भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा लॉन्च कर फौरन करीब 22 हजार छात्रों और अन्य भारतीयों की वतन वापसी कराई थी। देशभर में इसकी सराहना भी हुई थी। अब पिछले पांच दिनों से इजरायल और ईरान के बीच जंग छिड़ी हुई है और ऐसे हालात में करीब 10,000 भारतीय नागरिक ईरान के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। इनमें से करीब 2000 छात्र हैं। इनके अलावा 6000 लोग ऐसे हैं, जो लंबे समय से वहां रहकर काम कर रहे थे। इनके अलावा शिपिंग क्षेत्र से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में ईरान में फंसे हैं।
जानकार बताते हैं कि भौगोलिक परिस्थितियों, हवाई प्रतिबंधों और पश्चिमी एशिया में पसरे तनाव के कारण यूक्रेन जैसा ऑपरेशन गंगा लॉन्च करना बहुत आसान नहीं रह गया है। इसी वजह से भारतीय ईरान में फंसे हुए हैं। हालांकि, यूक्रेन के मुकाबले ईरान में फंसे लोगों की संख्या कम है लेकिन यूक्रेन के मुकाबले ईरान में सुरक्षित मार्ग और विकल्प भी कम हैं। यही वजह है कि अभी तक भारत सरकार ने ईरान से भारतीयों की निकासी के लिए किसी ऑपरेशन का आधिकारिक तौर पर नामाकरण नहीं किया है।