मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारत निर्वाचन आयोग की हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया। उन्होंने बिहार के मतदाताओं को आश्वासन दिया कि बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर, जिला परिषद अधिकारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैयार हैं, जो पूरे विश्व के लिए एक मानक स्थापित करेगा।
रविवार को सीईसी ने कहा, ‘मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि चुनाव प्रक्रिया में भाग लें और अपने मताधिकार का प्रयोग करें। निर्वाचन आयोग स्पष्ट करना चाहता है कि हिंसा के प्रति शून्य सहनशीलता है। कोई भी हिंसा की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि मतदाता शांति से मतदान कर सकें। हमारे 243 रिटर्निंग ऑफिसर, उतने ही पर्यवेक्षक, हर जिले के कलेक्टर, जिला अधिकारी, एसपी, एसएसपी, पुलिस पर्यवेक्षक… सभी तैयार हैं।’
मुख्य चुनाव आयुक्त की यह टिप्पणी मोकोमा विधानसभा क्षेत्र में 30 अक्टूबर को दुलारचंद यादव की हत्या के बीच आई हैं, जब वे जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी की रैली में मौजूद थे। हत्या के बाद, मोकोमा से जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। ज्ञानेश कुमार आज कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) का दौरा करने आए हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा, ‘आज मैं आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र के रूप में आया हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे सम्मानित करने का फैसला लिया है। मैंने अपने जीवन के सबसे ऊर्जावान 4 वर्ष कानपुर शहर में बिताए हैं और मैं इससे वास्तव में जुड़ा हुआ हूं। यह मेरी सौभाग्य है कि मुझे यहां आने और आईआईटी कानपुर जाने का अवसर मिला।’


