सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के मदुरै में विस्तारा रेजीडेंसी अपार्टमेंट परिसर में बिना अनुमति के बनाए गए मंदिर को तोड़ने पर शुक्रवार को रोक लगा दी। साथ ही, मदुरै निगम को नोटिस भी जारी किया गया। न्यायमूर्ति उज्जल भुयान और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने विस्तारा वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया। एसोसिएशन की याचिका में मंदिर को गिराने का निर्देश देने वाले मद्रास हाई कोर्ट के हाल के आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर वकील दामा शेषाद्रि नायडू ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने संबंधित पक्षों को सुनवाई का अवसर दिए बिना या उनके जवाब दाखिल करने का अवसर दिए बिना ही मंदिर को गिराने का आदेश पारित कर दिया।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘याचिकाकर्ता के वकील ने बयान दिया है कि न तो याचिकाकर्ता और न ही रिट याचिका में प्रतिवादियों को सुना गया। वास्तव में उन्हें दलीलें दाखिल करने का कोई अवसर नहीं दिया गया। इस बीच उच्च न्यायालय ने मंदिर को गिराने का निर्देश दिया है।’ अदालत ने शिकायत पर गौर करते हुए नोटिस जारी किया और जवाब के लिए आठ सप्ताह का समय दिया। पीठ ने निर्देश दिया कि इस बीच मंदिर को गिराने पर रोक रहेगी।