महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को दो दशक के बाद एक साथ मंच पर देखा गया है। हिंदी भाषा को महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य किए जाने के फैसले को सरकार द्वारा वापस लिए जाने का जश्न मना रहे दोनों भाइयों ने जमकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। राज्य में भाषा के नाम पर हो रही हिंसा को नजरंदाज करते हुए राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को नई सलाह भी दे दी है। उन्होंने कहा कि अबकी बार किसी के कान के नीचे बजाओ तो उसका वीडियो मत निकालना।
उद्धव ठाकरे संग मंच साझा कर रहे राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मीरा रोड की एक घटना का भी हवाला दिया, जहां पर एक व्यापारी की हत्या हो गई थी। उन्होने कहा, “क्या किसी के माथे पर लिखा होता है कि वह किस जाति या समुदाय से है? मेरा कहना है कि बेवजह किसी को मत मारो, लेकिन अगर कोई ज्यादा ही नाटक करता है तो फिर उसके कान के नीचे जरूर बजाओ.. हां लेकिन अगली बार जब किसी को पीटो तो उसका वीडियो मत बनाना।”
इससे पहले राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्र सरकार को भी मराठी भाषा को लेकर जमकर घेरा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “अगर तुम्हारे पास विधानभवन में सत्ता है.. तो हमारे पास भी महाराष्ट्र की सड़कों की सत्ता है।” इतना ही नहीं राज ने कहा कि मेरे पास राज्य के शिक्षा मंत्री आए थे.. मैंने उनसे साफ तौर पर कह दिया कि मैं आपकी बात को सुनूंगा जरूर लेकिन मानूंगा नहीं।