एक विश्व स्तरीय काउंटर-यूएएस प्रणाली है जिसमें विशेष वाइडबैंड डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन क्षमताएं हैं, जो सर्वदिशात्मक और दिशात्मक दोनों तरह के संचालन का समर्थन करती हैं। इसका अनुकूली, अपग्रेड करने योग्य विन्यास 400 मेगाहर्ट्ज से 6 गीगाहर्ट्ज आवृत्तियों पर ड्रोन, रिमोट कंट्रोल और उनके टेक-ऑफ और नियंत्रण स्थानों सहित सटीक खतरे का पता लगाने में सक्षम बनाता है, जिसमें अधिकतम पांच एक साथ बैंड शामिल हैं।
दुनिया हैरान है और भारत गर्वित महसूस कर रहा है क्योंकि भारत की कंपनी पारस डिफेंस और स्पेस टेक्नलॉजी को नाटो देश फ्रांस की प्रतिष्ठित रक्षा कंपनी से 22.21 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला है।
ये सिर्फ एक डील नहीं बल्कि भारत के डिफेंस साम्राज्य की शुरुआत है। कहा तो ये भी जा रहा है कि भारत अब डिफेंस टेक्नोलॉजी में सुपर पावर बनने जा रहा है। दरअसल, खबर सामने आ रही है कि पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज के शेयर में 3.71% की बढ़ोतरी हुई और यह 1,687.80 रुपये पर पहुंच गया। इसकी सहायक कंपनी पारस एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजीज को फ्रांस की सेरबेयर से CHIMERA 200 एंटी-ड्रोन सिस्टम की 30 इकाइयों की आपूर्ति के लिए 22.21 करोड़ रुपये का आशय पत्र (LoI) मिला है। उक्त सौदा भारत के रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक बड़ी निर्यात सफलता है।