बिहार में छह नए एयरपोर्ट विकसित करने को मंजूरी दी गई है.बड़ी संख्या में बिहार के लोग देश और दुनिया के अलग अलग हिस्सों में रहते हैं.राज्य का हवाई संपर्क बेहतर होने से क्या बदलाव होगा.चुनावी वर्ष में बिहार सरकार राज्य के और छह शहरों से हवाई सेवा शुरू करने की कवायद में जुट गई है.इसके तहत मधुबनी, मुंगेर, वीरपुर (सुपौल), वाल्मीकि नगर (पश्चिमी चंपारण), सहरसा और मुजफ्फरपुर में एयरपोर्ट को विकसित किया जाएगा.इन शहरों के छोटे हवाई अड्डों को केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत विकसित किया जाएगा.
उड़ान योजना का उद्देश्य छोटे शहरों तथा ग्रामीण इलाकों को एयर कनेक्टिविटी देना है.इनसे इन इलाकों की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होने के आसार हैं.राज्य सरकार ने फिलहाल इस प्रोजेक्ट के लिए 150 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए 25-25 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे सर्वे से लेकर रन-वे के निर्माण किया जा सकेगा.बाद में और धन दिया जाएगा.बिहार में 15 एयरपोर्ट का लक्ष्यराज्य सरकार राज्य में कुल 15 एयरपोर्ट से हवाई सेवा संचालित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है.बिहार में फिलहाल पटना, गया और दरभंगा से लोगों को हवाई सेवा मिल रही है.इनमें दरभंगा और गया से सीमित शहरों के लिए ही फ्लाइट उपलब्ध हैं, जबकि पटना से देश के अधिकतर बड़े शहर विमान सेवा से जुड़े हैं.बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी के अलावा क्या विकल्प हैंमुजफ्फरपुर का पताही हवाई अड्डा पहले ही एएआई को दिया जा चुका है.
यहां अगले साल से विमान सेवा शुरू करने की तैयारी है.वहीं, पूर्णिया एयरपोर्ट पर अंतरिम टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य चल रहा है.राज्य सरकार अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां से विमान सेवा शुरू करना चाहती है.इससे सीमांचल के लोगों को काफी सुविधा मिल सकेगी.आने वाले समय में तय किए गए छह अन्य शहरों से भी छोटे विमानों का परिचालन हो सकेगा.हवाई संपर्क आपदा के दिनों में भी बेहतर मददगार साबित होती है.प्रदेश के कई जिले बाढ़ प्रभावित हैं.बाढ़ समेत अन्य आपदाओं की स्थिति में एयरपोर्ट से राहत कार्य चलाना सुविधाजनक साबित होगा.छात्रों, पर्यटकों, पेशेवरों और व्यापारियों को तो इससे लाभ होगा ही.