केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के रोज-रोज के नए पैंतरों पर स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उसका जन्म कैसे हुआ है और उसके निर्माण में भारत के सीमा सुरक्षा बल (BSF) की क्या भूमिका थी। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि पड़ोसी देश 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान उसके निर्माण में बीएसएफ की बड़ी भूमिका को नजरअंदाज न करे। बांग्लादेश के निर्माण में भारत के ऐतिहासिक सहयोग की याद दिलाते हुए शाह ने BSF की महत्वपूर्ण भागीदारी पर भी जोर दिया।
शाह ने ये बातें 22वें सीमा सुरक्षा बल अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश को अपने निर्माण में बीएसएफ द्वारा निभाई गई बड़ी भूमिका को नहीं भूलना चाहिए।” इसके साथ ही शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों पर भारत की सैन्य कार्रवाई के विरोध में और आतंकवादियों के समर्थन में भारत पर जवाबी कार्रवाई करने से दुनिया भर में पाकिस्तान की पहचान आंतकवाद का समर्थन करने वाले देश की बन गयी है और वह पूरी तरह बेनकाब हो गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बार-बार दावा करता रहा है कि वह आतंकवाद को समर्थन नहीं देता है लेकिन ऑपरेशन सिन्दूर के बाद के घटनाक्रमों ने उसे दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिन्दूर में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में केवल नौ आतंकवादी अड्डों को तबाह किया था और सैन्य तथा असैनिक अड्डों को निशाना नहीं बनाया था लेकिन पाकिस्तान ने बौखलाहट में आकर भारतीय सैन्य ठिकानों और असैनिक ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की।