हर साल दुनियाभर के लाखों मुस्लिम तीर्थयात्री इस्लाम के पांच फर्ज़ में से एक ‘हज’ करने के लिए मक्का जाते हैं, जो इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने धू अल हिज्जा के आठवें और 12वें दिन के बीच होता है। इस साल यह 4 जून से 9 जून के बीच होगा। बुधवार, 4 जून को हज शुरू होते ही 10 लाख से भी ज्यादा मुस्लिम तीर्थयात्री मक्का पहुंचे और इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए। बड़ी बात यह है कि यह धार्मिक आयोजन ऐसे वक्त में हो रहा है, जब पूरा सऊदी अरब प्रचंड गर्मी की मार झेल रहा है और मक्का का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 डिग्री फॉरेनहाइट) को पार कर चुका है।
हज के पहले दिन सफेद लिबास में और नंगे पांव संगमरमर की फर्श पर लाखों मुस्लिम तीर्थयात्रियों को धीरे-धीरे काबा की परिक्रमा करते देखा गया। काबा इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना गया है, जो मक्का की ग्रैंड मस्जिद (मस्जिद अल-हरम) के बीचों बीच काले रंग की एक घनाकार इमारत है। इसे पवित्र बैत अल्लाह (ईश्वर का घर) के रूप में जाना जाता है।
सऊदी अरब की सरकारी मीडिया ने खबर दी है कि अन्य लोग मक्का के बाहरी इलाके में स्थित मीना के विशाल तंबू शहर में पहुंचने लगे हैं, जहां वे गुरुवार को हज के मुख्य पड़ाव – माउंट अराफात पर प्रार्थना से पहले रात बिताएंगे। ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ने यहीं अपना अंतिम उपदेश दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हज से पहले करीब 14 लाख तीर्थयात्री सऊदी अरब पहुंचे हैं।