फ्रांस की दासो एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच एक करार हुआ है जिसके तहत राफाल की मेन बॉडी भारत में बनेगी.फ्रांस की दासो एविएशन और भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने राफाल लड़ाकू विमान के मेन बॉडी (फ्यूजलाज) का निर्माण भारत में करने पर सहमति जताई है.दोनों कंपनियों ने गुरुवार को कहा कि यह पहली बार होगा जब इसका उत्पादन फ्रांस के बाहर किया जाएगा.भारत-पाक ड्रोन युद्ध के बाद एशिया में हथियारों की नई होड़हैदराबाद में प्रोडक्शन यूनिटदोनों कंपनियों ने राफाल के ढांचे के निर्माण के लिए भारत में चार प्रोडक्शन ट्रांसफर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.यह साझेदारी भारत को ग्लोबल एयरोस्पेस सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है.दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश भारत घरेलू उत्पादन बढ़ाने और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने पर विचार कर रहा है, जो मार्च के अंत तक वित्त वर्ष में 12 प्रतिशत से बढ़कर 2.76 अरब डॉलर हो गया.कंपनियों ने एक बयान में कहा कि समझौते के तहत टाटा दक्षिणी शहर हैदराबाद में राफाल के प्रमुख संरचनात्मक भागों के निर्माण के लिए एक उत्पादन सुविधा स्थापित करेगी.कंपनियों ने कहा कि हैदराबाद असेंबली लाइन से वित्त वर्ष 2028 में फ्यूजलाज के पहले सेक्शन निकलने की उम्मीद है और इस इकाई से प्रति माह दो पूरे फ्यूजलाज तैयार होने की उम्मीद है.
इस समझौते के तहत पहली बार राफाल फ्यूजलाज का उत्पादन फ्रांस के बाहर किया जाएगा बयान में यह नहीं बताया गया कि सौदा कितना महंगा है और न ही यह बताया गया कि तैयार उत्पाद घरेलू उपयोग के लिए होंगे या निर्यात के लिए, लेकिन टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने एक्स पर कहा कि मेन बॉडी “भारत और अन्य वैश्विक बाजारों के लिए” होगा.अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट: भारत के लिए पाकिस्तान से ज्यादा बड़ा खतरा चीनभारत के पास अभी 36 राफाल भारतीय वायुसेना वर्तमान में 36 राफाल लड़ाकू विमानों का संचालन करती है.अप्रैल में भारत ने भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ लगभग 64,000 करोड़ रुपये के अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर हस्ताक्षर किया था.जिनकी डिलीवरी 2030 तक होने की उम्मीद है.