इजरायल और ईरान के बीच इन दिनों तनाव चरम पर है। युद्ध के बीच भारत सरकार ऑपरेशन सिंधु के तहत भारतीय नागरिकों को वापस ला रही है। वहीं नॉर्थ अमेरिका पंजाबी असोसिएशन ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से निवेदन किया है तेहरान के गुरुद्वारे में रखी गुरु ग्रंथ साहिब को भी सुरक्षित भारत मंगवा लिया जाए। बता दें कि ईरान की राजधानी तेहरान में दो गुरुद्वारे हैं और यहां करीब 60 से 100 सिख परिवार रहते हैं। ईरान के बाकी हिस्सों में सिखों की संख्या ना के बराबर है। हालांकि जाहेदान शहर में भी एक गुरुद्वारा है।
ईरान में कितने गुरुद्वारे
ईरान में सिखों की कुल संख्या दो हजार के ही आसपास है। ईरान में भाई गंगा सिंह सभा गुरुद्वारा है। इसका पुनः निर्माण 1966 में हुआ था। कहा जाता है कि कभी गुरु नानक देव जी भी इस स्थान तक आए थे। इसके अलावा ईरान में ही मस्जिद-ए-हिंदां नाम से एक गुरुद्वारा है। इसका नाम भले ही इस्लाम से मेल खाता है लेकिन यह सिखों का ही गुरुद्वारा है। जाहेदान में यहां का सबसे पुराना गुरुद्वारा है जिसकी स्थापना 1921 में की गई थी। कहा जाता है कि पश्चिमी एशिया का यह पहला गुरुद्वारा है।