हार्ट कमजोर होने पर शरीर कुछ संकेत देने लगता है, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. समय पर ऐसे संकेतों की पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी होता है. हार्ट को फिट कैसे रखें इस बारे में अपोलो अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ वरुण बंसल ने बताया है.
हार्ट हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. ये शरीर में लगातार खून पंप करता रहता है. ताकि पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंच सकें. लेकिन आजकल लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों, तनाव, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं. दिल के कमजोर होने पर शरीर कई तरह के संकेत देता है, लेकिन लोग आमतौर पर इन संकेतों को मामूली समझ कर अनदेखा कर देते हैं. हालांकि अगर इन संकेतों की समय पर पहचान कर ली जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो किसी भी मुश्किल परिस्थिति में पड़ने से बचा जा सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हार्ट कमजोर होने के क्या संकेत होते हैं और ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए.
हार्ट हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. ये शरीर में लगातार खून पंप करता रहता है. ताकि पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंच सकें. लेकिन आजकल लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों, तनाव, मोटापा और बढ़ती उम्र की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं. दिल के कमजोर होने पर शरीर कई तरह के संकेत देता है, लेकिन लोग आमतौर पर इन संकेतों को मामूली समझ कर अनदेखा कर देते हैं. हालांकि अगर इन संकेतों की समय पर पहचान कर ली जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए, तो किसी भी मुश्किल परिस्थिति में पड़ने से बचा जा सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हार्ट कमजोर होने के क्या संकेत होते हैं और ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए.
सीने में दर्द या भारीपन
हार्ट कमजोर हो तो शरीर देता है ऐसे संकेत, न करें नजरअंदाज
सीने में दर्द या भारीपन
सीने में दर्द, दबाव, जकड़न या भारीपन महसूस हो तो ये हार्ट से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है. यह दर्द बाएं हाथ, जबड़े, पीठ या गर्दन तक भी जा सकता है. अगर ये संकेत बार-बार या लंबे समय क बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. इसके अलावा अगरदिल की धड़कन बहुत तेज, धीमी या फिर अनियमित हो जाए, तो ये भी हार्ट की कमजोरी के संकेत हो सकते हैं.
हार्ट कमजोर होने की वजहें
हाई ब्लड प्रेशर
कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होना
मोटापा
धूम्रपान और शराब
तनाव होना और नींद पूरी न होना
अनुवांशिकता
कब डॉक्टर से मिलें?
अगर हार्ट की कमजोरी से जुड़ा कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनकी सलाह से ही दवाएं लेना चाहिए और टेस्ट कराने चाहिए. अगर परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास रहा है तो ऐसे संकेतों को बिलकुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
कैसे करें बचाव?
खाने में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, कम फैट वाला दूध, मछली, सूखे मेवों का इस्तेमाल करें.
रोजाना कम से कम 30 मिनट तक पैदल चलें. इसके अलावा रोजाना योग या वर्कआउट जरूर करें.
धूम्रपान और शराब से दूर रहना अच्छा है.
तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन, संगीत, किताबें पढ़ना या मनपसंद शौक अपना सकते हैं.
ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित रूप से जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं लें.