विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को अब भी मास्क का उपयोग करना चाहिए, बार-बार हाथ धोना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए. अगर किसी को लक्षण महसूस हों तो वह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और खुद को आइसोलेट करें. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें.
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. भारत में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर 4,026 हो गई है. पिछले 24 घंटे में पांच मरीजों की मौत भी हो गई. मरने वाले केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के मरीज हैं. हर दिन कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है और लोग फिर से खांसी, बुखार और सांस की दिक्कत जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस बीच, महामारी विशेषज्ञों ने इस बढ़ते संक्रमण को लेकर कुछ जरूरी सलाह दी है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
फिर से बढ़ने लगे कोरोना के मामले
हाल के दिनों में कोरोना के मामलों में अचानक उछाल देखा गया है. कुछ राज्यों में तो रोजाना नए केस तेजी से सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समय गुजरात में 397, कर्नाटक 311, केरल 1416, महाराष्ट्र 494, यूपी 138, दिल्ली 393, तमिलनाडु 215 और पश्चिम बंगाल में 372 कोरोना के मामले सक्रिय है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कई लोग हल्के लक्षणों के चलते टेस्ट नहीं करवा रहे हैं, जिससे असली आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि यह स्थिति भले ही उतनी गंभीर न हो जितनी पहली लहर में थी, लेकिन इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है.
लक्षणों में हुआ बदलाव
सफदरजंग अस्पताल में डॉ दीपक कुमार सुमन बताते हैं कि इस बार कोविड के लक्षणों में थोड़ा बदलाव देखा जा रहा है. जहां पहले बुखार, गले में खराश और स्वाद या सूंघने की क्षमता का चले जाना आम था, वहीं अब खांसी, हल्का बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षण अधिक दिख रहे हैं. इसके चलते कई लोग इसे सामान्य वायरल समझकर नजरअंदाज कर रहे हैं. हालांकि इससे कोई घबराने वाली बात नहीं है, क्योंकि लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही हैं.
एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
जाने-माने महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि लोगों को फिर से सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “भले ही अब कोरोना का असर पहले जैसा नहीं रहा हो, लेकिन अभी भी बचने की जरूरत है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और अगर जरूरी हो तो मास्क पहनकर ही बाहर जाएं.
टीकाकरण का असर
डॉ.किशोर ने बताया कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर डोज लग चुकी है, उनमें संक्रमण का असर हल्का देखा जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें तुरंत लेनी चाहिए, खासकर जिनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है या जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं.
कोविड के हालात पर सरकार की नजर
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग की सुविधा बढ़ाने का निर्देश दिया है. अस्पतालों को भी अलर्ट मोड में रखा गया है और ऑक्सीजन व दवाओं की उपलब्धता की जांच की जा रही है. सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि पैनिक की कोई बात नहीं है, लेकिन एहतियात जरूरी है.