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Saturday, April 19, 2025
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टीबी के मरीज़ को दवा नियमित लेना अनिवार्य होता है,एक भी दवा मिस करना हो सकता है जानलेवा

टीबी (ट्यूबरक्युलोसिस) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है, जिसके चलते लाखाें लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसका इलाज लंबे समय तक चलने वाला होता है और इसे पूरी तरह ठीक करने के लिए विशेष दवाइयों का पूरा कोर्स लेना आवश्यक होता है। इन दवाओं का पूरा कोर्स करने से टीबी दोबारा होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। यदि टीबी की दवा बीच में छोड़ दी जाए तो बैक्टीरिया दवा प्रतिरोधी (MDR-TB) हो सकता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। चलिए समझते हैं इस कोर्स के बारे में विस्तार से।

कैसे फैलता है टीबी
टीबी का मुख्य कारण Mycobacterium tuberculosis नामक बैक्टीरिया है, जो फेफड़ों में संक्रमण करता है। यह बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति की खांसी, छींक या थूक से हवा में फैलता है और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस के जरिए प्रवेश करता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक टीबी के मरीज के पास रहता है, तो उसे भी संक्रमण हो सकता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर होती है, उन्हें टीबी होने का खतरा अधिक रहता है।

टीबी के लक्षण
टीबी होने के बाद व्यक्ति को कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जो धीरे-धीरे गंभीर हो सकते हैं।

  • 2-3 हफ्तों तक लगातार खांसी रहना टीबी का मुख्य लक्षण है।
  • गंभीर स्थिति में खांसी के साथ खून आने लगता है।
  • शाम या रात में तेज बुखार और पसीना आना।
  • भूख में कमी और तेजी से वजन घटना।
  • व्यक्ति को जल्दी थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  • फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने से सांस लेने में दर्द और तकलीफ हो सकती है। DOTS थेरेपी
    टीबी के इलाज में DOTS (Directly Observed Treatment, Short-course)थेरेपी का उपयोग किया जाता है। इस थेरेपी में 4-6 दवाओं का संयोजन दिया जाता है, जो बैक्टीरिया को पूरी तरह खत्म कर देती हैं और दोबारा टीबी होने की संभावना को कम करती हैं।

मुख्य दवाएं जो टीबी को खत्म करती हैं:

Isoniazid (INH) :बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकती है।
Rifampicin (RIF) : बैक्टीरिया को खत्म करती है।
Pyrazinamide (PZA): संक्रमण को तेजी से नियंत्रित करती है।
Ethambutol (EMB): दवा प्रतिरोधी टीबी को रोकने में मदद करती है।
Streptomycin (SM) : गंभीर टीबी संक्रमण में दी जाती है।
यदि इन दवाओं का पूरा कोर्स किया जाए, तो टीबी दोबारा नहीं होती। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत यह मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं।

अगर दवा बीच में छोड़ दी जाए तो क्या होगा?
टीबी का इलाज कम से कम 6 महीने (या उससे अधिक)तक चलता है। यदि आप बीच में दवा लेना बंद कर देते हैं, तो बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म नहीं होते और टीबी के दोबारा होने का खतरा बन जाता है, जो पहले से अधिक गंभीर हो सकती है। दवा छोड़ने से बैक्टीरिया दवा-प्रतिरोधी हो सकता है, जिसे MDR-TB (Multi-Drug Resistant TB) कहते हैं। दवा छोड़ने से टीबी के लक्षण वापस आ सकते हैं, जैसे:

  • लगातार खांसी और बलगम आना
  • बुखार और रात को पसीना आना
  • वजन घटना और कमजोरी

महत्वपूर्ण सलाह
मरीज को टीबी का कोर्स कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। यदि आप एक दिन दवा लेना भूल जाएं, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर की सलाह पर दोबारा कोर्स शुरू करें। दवा का कोर्स पूरा करने से ही टीबी का स्थायी इलाज संभव है। वहीं टीबी के मरीज को प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स युक्त आहार देना चाहिए। दूध, अंडे, दाल, हरी सब्जियां और फल खाने से तेजी से रिकवरी होती है। मरीज को मास्क पहनकर रहना चाहिए, ताकि संक्रमण न फैले। टीबी के मरीजों को धूम्रपान और शराब से बचना चाहिए, क्योंकि ये फेफड़ों को और अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।

नोट. यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इस्तेमाल करने से पहले दवा की सत्यता जाँच करें

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