भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल (Airtel) ने सरकार से एक महत्वपूर्ण अनुरोध किया है। कंपनी चाहती है कि उसके वैधानिक बकाया (statutory dues) को इक्विटी (equity) में बदला जाए, ताकि टेलीकॉम उद्योग में समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा (level-playing field) सुनिश्चित की जा सके।
📊 क्या है मामला?
सरकार ने पहले वोडाफोन आइडिया (Vi) को उसके बकाया को इक्विटी में बदलने की सुविधा दी थी, जिससे सरकार अब Vi में एक बड़ी हिस्सेदारी रखती है। अब एयरटेल ने भी समान नीति की मांग की है ताकि उसे व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में नुकसान न उठाना पड़े।
🗣️ Airtel का क्या कहना है?
Airtel के प्रवक्ता ने कहा:
“हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि हमें भी वही विकल्प उपलब्ध कराया जाए, जो वोडाफोन आइडिया को मिला था। यह केवल न्याय और समान अवसर की बात है।”
💼 क्यों जरूरी है यह कदम?
टेलीकॉम सेक्टर में कंपनियों पर भारी वैधानिक देनदारियां (AGR, स्पेक्ट्रम शुल्क आदि) हैं। यदि इन बकायों को इक्विटी में बदला जाता है, तो कंपनियों को नकदी प्रवाह (cash flow) में राहत मिलती है और वे सेवाओं में निवेश कर पाती हैं।
⚖️ समान अवसर की माँग
Airtel का कहना है कि सरकार को सभी कंपनियों के लिए एक जैसी नीति बनानी चाहिए ताकि किसी को पक्षपात महसूस न हो और प्रतियोगिता निष्पक्ष बनी रहे।