60 साल बाद बना त्रिग्रही योग, महाशिवरात्रि पर करें विशेष साधना
महाशिवरात्रि 2025 इस बार एक दुर्लभ त्रिग्रही युति योग में मनाई जाएगी, जो 60 साल बाद बन रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह योग शिव साधना के लिए बेहद शुभ माना जाता है और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है। इससे पहले ऐसा संयोग 1965 में बना था।
मकर राशि में त्रिग्रही युति
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को पड़ेगी। इस दिन श्रवण नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग और शकुनीकरण जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। साथ ही, मकर राशि में चंद्रमा की उपस्थिति के साथ सूर्य, बुध और शनि की युति कुंभ राशि में होगी।
एक दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग
- सूर्य और शनि का एक साथ कुंभ राशि में होना एक विशेष घटना है, क्योंकि यह संयोग लगभग 100 साल में एक बार बनता है।
- इस दिन की गई शिव आराधना से धन, यश, प्रतिष्ठा और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की साधना का महत्व
इस विशेष योग में चार प्रहर की पूजा और रुद्राभिषेक करने से शिव कृपा प्राप्त होगी। यह साधना सुख-समृद्धि, शांति और सफलता देने वाली मानी जाती है।
इसलिए, महाशिवरात्रि 2025 को इस दुर्लभ संयोग का लाभ उठाएं और भगवान शिव की आराधना करें। 🕉️🚩