शरद पूर्णिमा 2024 की तिथि
शरद पूर्णिमा का पर्व इस वर्ष 2024 में 16 अक्टूबर (मंगलवार) को मनाया जाएगा। यह दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि है। पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को सुबह 5:10 बजे से प्रारंभ होगी और 17 अक्टूबर को सुबह 7:26 बजे तक रहेगी।
शुभ मुहूर्त
- पूजा का समय: शाम 7:00 बजे से 8:30 बजे तक।
- इस समय के बीच देवी लक्ष्मी की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा का पर्व मुख्य रूप से फसल की कटाई के समय मनाया जाता है। इसे “कंजक पूजा” भी कहा जाता है, जिसमें कन्याओं को विशेष मान-सम्मान दिया जाता है। इस दिन चाँद की रोशनी को अमृत के समान माना जाता है। लोग इस रात चाँद की रोशनी में जागकर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
पूजा विधि
- स्नान: सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा सामग्री: कच्चे दूध, चावल, मिठाइयों और फलों से भरा थाल तैयार करें।
- चंद्रमा की आराधना: रात को चाँद की पूजा करें। चाँद को दूध में अर्पित करें और उसके प्रकाश में कुछ मिठाइयाँ रखें।
- भोग: चंद्रमा को भोग अर्पित करें और फिर इसे घर के सभी सदस्यों के बीच बांटें।
शरद पूर्णिमा का सांस्कृतिक महत्व
शरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से कंबल दान करने की परंपरा है। लोग इस दिन गरीबों को कंबल दान करते हैं ताकि ठंड में उन्हें मदद मिल सके। यह पर्व एकता, दया और परोपकार का संदेश देता है।
संक्षेप में:
शरद पूर्णिमा का पर्व न केवल फसल के पूर्णता का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन चाँद की रोशनी में अन्न और दूध का सेवन करने से विशेष लाभ मिलता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार, शरद पूर्णिमा 2024 का आयोजन 16 अक्टूबर को किया जाएगा, और इसके साथ जुड़े पूजा विधि और महत्व को ध्यान में रखते हुए इस दिन का विशेष पालन करना चाहिए।