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Wednesday, June 18, 2025
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भगवान शिव के आंसू का रूप रुद्राक्ष, जानें शरीर में धारण करने के फायदे

प्राचीन भारतीय शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव की आंखों से विकसित हुआ है, इसलिए इसे रुद्राक्ष कहा जाता है. रुद्र का अर्थ है शिव और अक्ष का अर्थ है आंखें शिव पुराण में रुद्राक्ष की उत्पत्ति को भगवान शिव के आंसू के रूप में वर्णित किया गया है. सभी प्राणियों के कल्याण के लिए कई वर्षों तक ध्यान करने के बाद जब भगवान शिव ने अपनी आंखें खोलीं, तो आंसुओं की बूंदें गिरी और धरती मां ने रुद्राक्ष के पेड़ों को जन्म दिया|

शरीर और मन के लिए लाभदायक : रुद्राक्ष शरीर में शक्ति उत्पन्न करता है, जो रोगों से लड़ता है जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है. आयुर्वेद के अनुसार रुद्राक्ष शरीर को मजबूत करता है. ये रक्त की अशुद्धियों को दूर करता है. ये मानव शरीर के अंदर के साथ-साथ बाहर के बैक्टीरिया को भी दूर करता है. रुद्राक्ष सिर दर्द , खांसी , लकवा, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से संबंधी समस्याओं को दूर करता है| रुद्राक्ष को धारण करने से चेहरे पर चमक आती है, जिससे व्यक्तित्व शांत और आकर्षक होता है. जप के लिए रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल किया जाता है. जप की प्रक्रिया जीवन में आगे बढ़ने के लिए आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ाती है. इसलिए रुद्राक्ष के बीज स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करने के लिए उपयोगी हैं|

रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व जन्म के पापों का नाश होता है जो वर्तमान जीवन में कठिनाइयों का कारण बनता है. रुद्राक्ष धारण करने से भगवान रुद्र का रूप प्राप्त कर सकते हैं. ये सभी पापों से छुटकारा पाने में मदद करता है और अपने जीवन में सर्वोच्च लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है| रुद्राक्ष को आध्यात्मिक मनका माना जाता है. प्राचीन काल से आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास, साहस को बढ़ाने और सकारात्मक दृष्टिकोण के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है|

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