पुरी (ओडिशा)।
पूर्वी भारत का प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल पुरी अपनी ऐतिहासिक धरोहर, खूबसूरत समुद्र तटों और सांस्कृतिक विविधता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ओडिशा राज्य में स्थित यह नगर ‘जगन्नाथ नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन और भव्य रथ यात्रा में भाग लेने के लिए जुटते हैं।
पुरी का सबसे बड़ा आकर्षण भगवान श्रीजगन्नाथ को समर्पित ऐतिहासिक मंदिर है। 12वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों में शामिल है। जुलाई माह में आयोजित होने वाली रथ यात्रा पुरी की पहचान बन चुकी है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं।
धार्मिक महत्त्व के साथ ही पुरी अपने खूबसूरत समुद्र तट के लिए भी प्रसिद्ध है। सफेद रेत, शांत समुद्र और ठंडी हवा पर्यटकों को आकर्षित करती है। समुद्र के किनारे सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने हर साल हजारों सैलानी पुरी पहुंचते हैं।
पुरी के पास स्थित चिलिका झील भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील मानी जाने वाली चिलिका, पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है। सर्दियों में यहां देशी और प्रवासी पक्षियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
इसके अलावा कोणार्क का सूर्य मंदिर, लिंगराज मंदिर, गुंडिचा मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल भी पुरी के आस-पास स्थित हैं, जो इसे एक समृद्ध सांस्कृतिक केंद्र बनाते हैं। कोणार्क सूर्य मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है।
पुरी का स्थानीय भोजन भी पर्यटकों को खूब भाता है। खासतौर पर ‘जगन्नाथ महाप्रसाद’, समुद्री भोजन और पारंपरिक व्यंजन यहां के आकर्षण का हिस्सा हैं। वहीं पुरी के बाजारों में कटक की प्रसिद्ध साड़ियाँ, हस्तशिल्प और लकड़ी की मूर्तियां खरीदना भी एक यादगार अनुभव होता है।
पर्यटन विभाग के अनुसार पुरी घूमने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च के बीच है, जब मौसम सुहावना रहता है। गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में यहां पर्यटकों की भीड़ अधिक देखने को मिलती है।
पुरी न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक समृद्धि का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।