हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. यह सिर्फ धार्मिक आस्था का विषय नहीं है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी तुलसी को भविष्य में आने वाले संकटों का संकेत देने वाला बताया गया है. आइए जानते हैं वे 7 ज्योतिषीय कारण जिनकी वजह से माना जाता है कि तुलसी पहले ही आने वाले संकट की चेतावनी दे देती है.
तुलसी का पौधा अगर अचानक सूखने लगे या उसके पत्ते तेजी से झड़ने लगें, तो इसे घर में आने वाली किसी आर्थिक परेशानी या किसी सदस्य के स्वास्थ्य बिगड़ने का संकेत माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, यह नकारात्मक ऊर्जा के घर में प्रवेश का सूचक हो सकता है.
यदि तुलसी के पत्ते काले पड़ने लगें या वे मुरझाए हुए दिखें, तो यह घर में नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव या किसी व्यक्ति पर बुरी नज़र का संकेत हो सकता है. यह भी माना जाता है कि ऐसा होने पर घर के मुखिया को कोई बड़ा संकट झेलना पड़ सकता है.
यदि तुलसी के पत्ते काले पड़ने लगें या वे मुरझाए हुए दिखें, तो यह घर में नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव या किसी व्यक्ति पर बुरी नज़र का संकेत हो सकता है. यह भी माना जाता है कि ऐसा होने पर घर के मुखिया को कोई बड़ा संकट झेलना पड़ सकता है.
यदि तुलसी के गमले के आसपास या पौधे पर अचानक चींटियां दिखाई देने लगें, तो यह घर में चोरी या धन हानि का संकेत हो सकता है. यह भी माना जाता है कि कोई गुप्त शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
अगर तुलसी का पौधा बढ़ने लगे या उसमें नए पत्ते न आएं, तो यह घर की तरक्की में रुकावट का संकेत माना जाता है. यह व्यापार में हानि या संतान संबंधी चिंताओं का कारण भी हो सकता है.
यदि तुलसी का हरा रंग फीका पड़ने लगे या उसमें पीलापन आने लगे, तो इसे परिवार में कलह या वैचारिक मतभेद का संकेत माना जाता है. यह पारिवारिक शांति भंग होने का सूचक हो सकता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी को सही दिशा (जैसे उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व) में लगाना शुभ होता है. यदि तुलसी किसी गलत दिशा में लगी हो और उसमें लगातार समस्याएं आ रही हों, तो यह घर के सदस्यों के लिए लगातार संकटों और परेशानियों का कारण बन सकता है.