Total Users- 675,342

spot_img

Total Users- 675,342

Wednesday, March 26, 2025
spot_img

क्यों की जाती है भगवान कार्तिकेय की पूजा , इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का बहुत महत्व होता है

पुराणों में कार्तित्य को देवताओं का प्रधान सेनापति बताया गया है। भगवान कार्तिकेय को सुब्रमण्यम, मुरुगन और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है। दैत्यों का नाश करने के लिए भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इनकी पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में चल रही परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।

आषाढ़ माह में पड़ने वाली स्कंद षष्ठी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। स्कंद षष्ठी, जिसे षष्ठी व्रत और कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इसे भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है।

भगवान शिव और देवी पार्वती के छठे पुत्र कार्तिकेय की पूजा हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की जाती है। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। आइए, जानते हैं कि स्कंद षष्ठी का व्रत क्यों रखा जाता है।

2024 की स्कंद षष्ठी तिथि 11 जुलाई को सुबह 10 बजे शुरू होगी और 12 जुलाई को दोपहर 12.32 बजे समाप्त होगी। ऐसे में, उदया तिथि के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत 11 जुलाई 2024 को ही रखा जाएगा।

भगवान कार्तिकेय की पूजा क्यों की जाती है? भगवान कार्तिकेय का जन्म भयानक राक्षसों को मार डालने के लिए हुआ था। स्कंद पुराण कहता है कि भगवान शिव ने अपना आपा खो दिया जब उनकी पत्नी सती ने आत्मदाह किया। ब्रह्मांड असमर्थ हो गया जब राक्षसों ने इसका लाभ उठाया।

तारकासुर एक राक्षस था। ब्रह्मा से वरदान पाने के बाद, वह सभी जीवों पर बुरा व्यवहार करने लगा और अधर्म भी फैलने लगा। तब ब्रह्मा ने देवताओं को बताया कि महादेव का पुत्र ही तारकासुर को मार सकता है। कार्तिकेय तब षष्ठी तिथि को दिखाई दिया। तब से स्कंद षष्ठी पर्व का आयोजन होने लगा।

spot_img

More Topics

टीबी के मरीज़ को दवा नियमित लेना अनिवार्य होता है,एक भी दवा मिस करना हो सकता है जानलेवा

टीबी (ट्यूबरक्युलोसिस) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े