रथयात्रा के दौरान अलग-अलग रंग के वस्त्र धारण करते हैं
ओडिशा के पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की विशाल रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। 10 दिनों की यात्रा है। भगवान जगन्नाथ अपनी बहन और भाई के साथ नगर का भ्रमण करते हैं। इस दौरान वे खास तरह से तैयार किए गए कपड़े पहनते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2024 : ओडिशा के पुरी में हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत होती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र को तीन बड़े रथों में विराजित करके नगर भ्रमण करते हुए अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। नौ दिनों तक वे यहां विश्राम करते हैं। 7 जुलाई, यानी आज से रथयात्रा शुरू होगी। यह यात्रा भव्य होगी। तीनों देवों के रथों से लेकर उनके कपड़े तक सब कुछ रथयात्रा से पहले विशेष रूप से तैयार किया जाता है।
ये बुनकर हर साल बनाते हैं वस्त्र
ओडिशा के खुर्दा जिले के राउतपाड़ा गांव में भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र के वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां एक बुनकरों का समूह इन वस्त्रों को विशेष रूप से तैयार करता है। ये बुनकर पिछले तीन दशकों से भगवान जगन्नाथ के लिए वस्त्र तैयार करते आ रहे हैं। इन वस्त्रों से वे हर साल तीनों देवों को रथ यात्रा के लिए सजाते हैं। इस साल भी गोविंद चंद्र दास के परिवार की अगुवाई में बुनकरों के समूह ने इन वस्त्रों को तैयार किया है।
इस तरह बनाए जाते हैं वस्त्र
- तीनों देवों के लिए सात दिनों के वस्त्र बनाए जाते हैं। जो कॉटन के होते हैं, इन्हें आंग लागी वस्त्र कहा जाता है। 35 सालों से बुनकर इन्हें तैयार करते आ रहे हैं।
- इस साल भगवान जगन्नाथ के लिए 25 बुनकर के एक ग्रुप ने वस्त्र तैयार किए हैं। इसमें 96 साल की दादी मां भी शामिल हैं।
- भगवान जगन्नाथ के लिए अलग-अलग रंगों के रेशमी और सूती कपड़े का इस्तेमाल कर वस्त्रों को तैयार किया जाता है।
- सात दिन के वस्त्रों के लिए सात अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लाल वस्त्र, सफेद काला वस्त्र, पांच रंग का वस्त्र, हल्दी रंग का वस्त्र, सफेद रंग का वस्त्र और काला रंग का वस्त्र शामिल है।