शहर के परदेशीपुरा में स्थित गेंदेश्वर द्वादश मंदिर, जिसे शिव धाम भी कहते हैं, लोगों की आस्था का केंद्र है। यह उन कम शिवालयों में से एक है जहां एक जगह पर बारह शिवलिंग दिखाई देते हैं। सावन महीने में हर सोमवार भगवान की मनोहर पूजा की जाती है। साथ ही पार्थिव शिवलिंग को हर दिन बनाकर अभिषेक किया जाता है। यहां दर्शन-पूजन करने वालों की लंबी कतार देखने को मिलती है।
मंदिर का इतिहास : 2002 में इसका निर्माण हुआ था। शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाया गया है, जिसके चारों ओर बारह ज्योतिर्लिंग लगाए गए हैं। चारों धाम के देवता भी हैं। गुंबद के बाहर एक ज्योतिर्लिंग है। भक्तों को इससे दूर से भगवान का दर्शन होता है। हर साल यहां पांच दिवसीय विवाह उत्सव होता है।
मंदिर की एक विशेषता यह है कि पुजारी विश्वजीत शर्मा 1100 रुद्राक्ष धारण कर एक पैर पर खड़े होकर तांडव आरती करते हैं। आरती लगभग एक घंटे चलती है। शिवभक्तों में इस आरती का विशेष आकर्षण है। हजारों भक्त इसमें शामिल होते हैं। सावन में सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया जाता है। मंदिर भी भगवा पताकाओं से सजाया गया है।