निकासी व्यवस्था में रेलवे ने कई ठोस सुधार किए हैं
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का व्यापक नेटवर्क होने के कारण रेलवे और सड़क मार्ग जगह-जगह एक दूसरे को क्रास करते है, जहां सड़क रेलवे लाइन को क्रास करती है, वहां सड़क यातायात के सुगम, संरक्षित और निर्बाध यातायात के लिए लेवल क्रासिंग गेट बनाए गए हैं।
बिलासपुर। अब रेलवे के अंडरब्रिज में पहले की तरह बरसात का पानी नहीं भरता है। निकासी व्यवस्था में रेलवे ने कई ठोस सुधार किए हैं। इनमें शेड और सेंसरयुक्त पंप सबसे कारगर है। जलभराव की स्थिति में यह पंप आटोमेटिक चलने लगता है। जिससे पानी बाहर चला जाता है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का व्यापक नेटवर्क होने के कारण रेलवे और सड़क मार्ग जगह-जगह एक दूसरे को क्रास करते है, जहां सड़क रेलवे लाइन को क्रास करती है, वहां सड़क यातायात के सुगम, संरक्षित और निर्बाध यातायात के लिए लेवल क्रासिंग गेट बनाए गए हैं। रेलवे लाइन पर ट्रेन चलने के समय लेवल क्रासिंग गेट को बंद कर दिया जाता है और ट्रेन को सुरक्षित पास करने के बाद रोड यातायात को खोल दिया जाता है, ताकि सड़क मार्ग से जाने वाले पैदल यात्री व वाहन सवार लोग गंतव्य तक सुरक्षित जा सके। ट्रेन परिचालन भी निर्बाध और संरक्षित रूप से होता रहे। समय के साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेलवे के आधारभूत संरचनाओं में आशातीत वृद्धि होने के कारण इन लेवल क्रासिंग गेट पर यातायात प्रभावित होता है। सड़क मार्ग से वाहनों के लगातार आवागमन के कारण लेवल गेट से पहले सिग्नल पर ट्रेन रुक जाती है तो कभी ट्रेन के लगातार चलते रहने के कारण पर सड़क मार्ग के यात्री एवं वाहनों को इंतजार करना पड़ता है। विकसित होते शहर, गांव, कस्बे आदि जहां की बसाबट लगातार बढ़ रही है। वहां समपार फाटक पर यातायात अवरुद्ध होने की आशंका रहती है। सड़क मार्ग के परिवहन की संरक्षा को बेहतर करने एवं असुविधा को कम करने के लिए व्यस्त समपार की जगह इस समस्या के समाधान के लिए उपलब्ध संसाधनों और प्राथमिकता के आधार पर रेलवे के द्वारा रोड अंडरब्रिज, अंडरपास एवं रोड ओवरब्रिज के निर्माण लगातार किया जा रहा है। जिनके निर्माण से मुख्य लाभ यह है कि वह राजमार्ग और पटरियों के बीच लेवल क्रासिंग की आवश्यकता को समाप्त करते हैं। वहीं वर्षा के दिनों में कुछ अंडरब्रिज में जलभराव की समस्या भी रहती थी। रेलवे ने इस समस्या से निबटने के लिए पुख्ता उपाय किया है। जिनमें प्रमुख शेड लगाना। इससे पानी अंडरब्रिज के अंदर नहीं जाता है। दूसरी व्यवस्था क्रास ड्रेन बनाए गए हैं ,जो दोनों सिरों पर वर्षा के दौरान ढलान के पानी को किनारे पर बनाए गए संपवेल से मिलाकर बाहर कर देते है। तीसरा उपाय जल के भराव को बाहर करने के लिए सेंसर युक्त पंप लगाए गए हैं, जो जलभराव होने पर आटोमेटिक चालू हो जाता है और पानी को बाहर कर देता है। इसके साथ ही अन्य अंडरब्रिज में मोटर को मैन्युअल चालू कर जलभराव को रोका जाता है। समय के साथ इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे लगातार सार्थक प्रयास कर रही है ।