इस वर्ष 25 अगस्त को हलषष्ठी व्रत मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से छठ पूजा के लिए महत्वपूर्ण है। इस साल, यह व्रत दो दिन तक चलने वाला है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक समय मिलेगा अपनी श्रद्धा और भक्ति अर्पित करने का।
हलषष्ठी व्रत का आयोजन खासकर महिलाओं द्वारा किया जाता है, जो अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से कृषि संबंधी परंपराओं से जुड़ा है और इसे मनाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
श्रद्धालुओं को इस अवसर पर विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए और छठ महापूजा की तैयारी करनी चाहिए। यह समय अपने परिवार के साथ मिलकर व्रत और पूजा करने का है, जिससे सभी को सुख और समृद्धि की प्राप्ति हो सके।
हलषष्ठी पूजन
भादो माह के षष्ठी तिथि को हलषष्ठी मनाई जाती है। इस साल हलषष्ठी व्रत 24 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगा और 25 अगस्त को सुबह 10:11 बजे तक रहेगा। कमरछठ पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है।
हलषष्ठी पर्व पर माताएं पूजा करने के स्थान पर सगरी खोदकर भगवान शंकर एवं गौरी, गणेश को पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी, खमार, बांटी, भौरा सहित अन्य सामग्रियां अर्पित करती हैं। पूजन पश्चात माताएं घर पर बिना हल के सहारे उत्पादित अनाज पसहर चावल, छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर अपना उपवास तोड़ेंगी।