रायपुर। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते सड़क दुर्घटना दर को देखते हुए चिन्हित 104 ब्लैक स् पॉट को सुधारने और वाहन चालकों की आंखों की जांच करने के अभियान की घोषणा की है। जिनकी जरूरत होगी, उन्हें चश्मा भी मिलेंगे। मानसून सत्र के चौथे दिन, सड़क दुर्घटना विषय पर लंबी चर्चा हुई। सभा भी गरमाई। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इस विषय पर सरकार को घेरा और कई प्रश्न उठाए। चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने भी अपना सुझाव दिया। विपक्षी सांसदों ने भी अपने क्षेत्रों में बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद कहा कि ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए अगले बजट में कानून बनाया जाएगा। साथ ही सरकार दुर्घटनाओं को कम करने के उपायों पर काम करेगी। अजय चंद्राकर ने लोक महत्व का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि विभागों में तालमेल की कमी की वजह से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही है। प्रदेश में हेलमेट की अनिवार्यता लागू होनी चाहिए। सड़क दुर्घटना के रोकथाम को लेकर परिवहन विभाग, जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन आदि विभागों के बीच तालमेल की कमी है।
2024 की पहली तिमाही में, 2023 की तुलना में 6,323 सड़क दुर्घटना हुईं। इस तरह की घटनाओं में हर दिन 20 लोग मारे जाते हैं। प्रदेश में 73.43 लाख वाहन पंजीकृत हैं। ओवरलोडेड वाहनों की जांच और परिवहन विभाग की कार्रवाई आवश्यक है।
गृहमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। अभी 16 ज़िलों में आपातकालीन 112 सेवाएं उपलब्ध हैं। यह आने वाले दिनों में पूरे राज्य में लागू होगा। 112 प्रदेश में फिलहाल 320 एबुलेंस हैं, जिनमें से 30 में एडवांस सिस्टम लगा है।