छत्तीसगढ़, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है, राज्य की आर्थिक प्रगति में महिला श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाना जाता है।
ग्रामीण इलाकों में महिलाएँ कृषि, तेंदूपत्ता संग्रहण, और हस्तशिल्प निर्माण जैसे कार्यों में सक्रिय हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों में उनका योगदान निर्माण कार्य, घरेलू सेवाएँ, और छोटे व्यापारों में बढ़ रहा है। राष्ट्रीय औसत से अधिक महिला श्रमिकों की भागीदारी असंगठित क्षेत्रों में देखी जा रही है, लेकिन उन्हें अभी भी समान वेतन, सुरक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाएँ जैसी बुनियादी अधिकारों की कमी का सामना करना पड़ता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण मिशन, महिला शक्ति केंद्र, और मिनीमाता महतारी जतन योजना जैसे कदम महिला श्रमिकों के कल्याण के लिए उठाए गए हैं।
इन योजनाओं के अंतर्गत महिला श्रमिकों को रोजगार, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और स्वरोजगार के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना, निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण योजना, और छत्तीसगढ़ महिला कोष जैसी योजनाएँ भी महिला श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही हैं।
इन पहलों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि महिला श्रमिकों को उनके काम के लिए उचित सम्मान और आर्थिक लाभ मिले, साथ ही उन्हें सुरक्षित और समान कार्यस्थल का अधिकार प्राप्त हो।