रायपुर। जैसे ही प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट सेंट्रल जेल पहुंचे, कवासी लखमा ने पायलट से साफ -साफ कहा कि मेरा शराब घोटाले से कोई लेना देना नहीं हैं, फिर भी मैं जेल में प्रताड़ना जेल रहा हूं।
जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा से प्रदेश प्रभारी सचिन पाय़लट ने मुलाकात कर हौसला बढ़ाया और कहा कि आपके साथ अन्याय नहीं होगा। कवासी लखमा ने पायलट से कहा कि मैं तो इस बारे में कुछ जानता ही नहीं कि शराब कहा बन रही है और कौन सप्लाई दे रहा है और कौन बाटलिंग का काम देख रहा है। विभागीय मंत्री होने के बाद भी मुझे शराब की बिक्री औऱ क्वालिटी को लेकर कोई चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझता था।
अधिकारी आते थे, आर्डर पढ़कर सुनाते थे कि साहब का आदेश है फाइल साइन कर भेजना है। मैं तो बस के सिपाही होने के नाते जैसे साहब कहते थे कर देता था, अब करे कोई और भरे कोई की सजी भुगतना पड़ रहा है।
बड़े नेताओ्ं ने पार्टी का वास्ता देकर कहा था बस साइन करते जाओ् कुछ नहीं होगा । मैंने आजीवन पार्टी की इमानदारी से सेवा की जिसकी सजा जेल में भोग रहा हूं, जो गुनाहगार है वो कालर खड़े करके घूम रहे है।
सचिन पाय़लट के सामने कवासी लखमा ने कांग्रेस के शासन काल के पांच साल तक जो सिलसिला चला उसकी मुंह जबानी जमा खर्च की जानकारी दी। इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, विधायक देवेंद्र यादव समेत कई अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे। लेकिन कवासी लखमा और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की गुफ्तगू के समय कौन-कौन था इसकी जानकारी मीडिया में नहीं आई । भाजपा सरकार पर तीखे हमले
जेल में कवासी लखमा से मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत में भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि जो लोग भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं, सरकार उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करती है. हम न्यायालय में लड़ाई लड़ते रहेंगे। लोगों का चरित्र हनन करने की कोशिश की जाती है। सरकार द्वारा सरकारी एजेंसी के माध्यम से मनोबल तोड़ने की कोशिश की जाती है. हमें पूरा विश्वास है कि हमें न्यायालय के माध्यम से विजय मिलेगी। हमारा पोलिटिकल संघर्ष जारी रहेगा। सरकारी एजेंसी का धड़ल्ले से दुरुपयोग हो रहा है. ये व्यक्ति विशेष की लड़ाई नहीं, हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे, पूरे देश में जहां-जहां बीजेपी सरकारी एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है. वहां वहां विरोध करेंगे।
चरणदास महंत का बयान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन की ओर से जो भी कष्ट मिल रहा है। उसे बड़े दिलेरी के साथ कवासी लखमा झेल रहे हैं। उनमें झेलने की ताकत है. जो वह सह रहे हैं वो सरकार की प्रताड़ना है। केंद्रीय और राज्य सरकार की प्रताड़ना को झेलने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं. चरणदास महंत ने कहा कि हमारे प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और अन्य पदाधिकारी भी उनसे मिलने आए थे।
ईओ्डब्ल्यू को कोर्ट से मिली दो दिन की अनुमति ईओ्डब्ल्यू की टीम को 19 और 20 मार्च को पूछताछ की इजाजत मिली है। इससे पहले, जांच एजेंसी ने ईडी की विशेष कोर्ट से अनुमति लेकर यह कार्रवाई की। सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान यह इनपुट मिला है कि आबकारी घोटाले से जुड़े पैसे का कुछ हिस्सा नक्सलियों तक भी पहुंचा है।
अब ईओ्डब्ल्यू इस मामले में लखमा से सीधे सवाल की। 21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ईडी ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 बार ईडी दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी के 7 दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ईडी ने 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी।
क्या है शराब घोटाला? तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व आईएएसअनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सीएम सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है। आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था। ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया।
ईडी ने चार्जशीट में कहा कि 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर सीएसएमसीएल के ज़रिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को सीएसएमसीएल का एमडी नियुक्त कराया। उसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिए भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ। इस मामले में ईडी ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कोर्ट में 3,841 पन्नों की चार्जशीट की पेश गौरतलब है कि 13 मार्च को शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्पेशल कोर्ट में 3,841 पन्नों का चालान पेश किया है, जिसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 अन्य को आरोपी बनाया गया है।अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।