Total Users- 989,673

spot_img
spot_img

Total Users- 989,673

Sunday, May 18, 2025
spot_img
spot_img

बकरी पालन बना आर्थिक सशक्तिकरण का आधार

किसानों को मिलेगा अतिरिक्त आर्थिक आय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और गरीब किसानों की आय में बढ़ोतरी के उद्देश्य से बकरी पालन को बढ़ावा देने की दिशा में प्रशासन ने अभिनव पहल की है। अब जिले में जल्द ही अफ्रीकन नस्ल ’बोयर’ के बकरा-बकरी नजर आएंगे, जिनका वजन स्थानीय नस्ल की तुलना में तीन से चार गुना अधिक होगा है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम मिलेगा। बकरी पालन आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे किसानों के लिए ’एटीएम’ की तरह कार्य करता है। इसे पालना आसान होता है और जरूरत पड़ने पर बेचकर तत्काल नकद आय अर्जित की जा सकती है। स्थानीय नस्ल के बकरों का अधिकतम वजन 20 से 25 किलोग्राम तक होता है, लेकिन अब कृत्रिम गर्भाधान से अफ्रीकन बोयर जैसे भारी भरकम नस्ल के बकरा-बकरी पालने की सुविधा उपलब्ध होगी, जिनका वजन 80 से 100 किलो तक होता है।

प्रशासन की नवाचार पहल से मिलेगी आर्थिक मजबूती
कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर पशुपालन विभाग द्वारा 7800 सीमेन डोज मंगवाए गए हैं, जिनमें भारतीय नस्ल जमुनापारी, सिरोही, बारबरी के साथ पहली बार अफ्रीकन बोयर नस्ल के सीमेन भी शामिल हैं। ये सीमेन उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड, ऋषिकेश के माध्यम से उपलब्ध कराए गए हैं। इस योजना में जिला पशु रोगी कल्याण समिति से भी आर्थिक सहयोग मिला है।

वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सी.के. मिश्रा ने बताया कि, यह पहली बार है जब अफ्रीकन बोयर नस्ल का सीमेन सरगुजा में उपलब्ध कराया गया है। सफेद रंग की इस नस्ल का गला और सिंग तक का भाग कत्थई रंग का होता है। वजन अधिक होने के कारण बकरी पालन से ग्रामीणों को लाभ भी अधिक मिलेगा।

सफल नवाचार का सरगुजा जिले के हर ब्लॉक में होगा विस्तार
छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे पहले सूरजपुर और सरगुजा जिले में बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान की शुरुआत की गई थी। अब इस नवाचार को मिली सफलता के बाद सरगुजा जिले के सभी विकासखंडों में इसे लागू कर दिया गया है। इससे ग्रामीणों को बेहतर नस्ल की बकरी पालने और उससे अधिक आय प्राप्त होने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

बकरी पालन से किसान अब आत्मनिर्भरता की ओर कदम
यह पहल न केवल ग्रामीणों को अतिरिक्त आय प्रदान करेंगे, जिससे बकरी पालक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे। प्रशासन और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयास से अब बकरी पालन सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि समृद्धि का जरिया बनता जा रहा है।

spot_img

More Topics

जामुन से बढ़ाये हीमोग्लोबिन, रोज पिये जूस

जामुन गर्मियों का ऐसा फल है जिसमें कूलिंग प्रॉपर्टीज...

खास मेहमानों के लिए घर पर बनाए पनीर टिक्का बटर मसाला

पनीर टिक्का बटर मसाला एक बहुत ही स्वादिष्ट और...

रिकेट्स क्या होता है? क्या है इसके लक्षण और इलाज

रिकेट्स एक कंकाल संबंधी स्थिति है जिसकी विशेषता है:...

इस एक्टर ने 100 के नोट पर लिया था दादा मुनि यानि अशोक कुमार का ऑटोग्राफ

सीनियर बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र अब भले ही फिल्मों में...

इसे भी पढ़े