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Friday, February 7, 2025
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तीन साल बाद बांगो बांध हुआ लबालब, पांच गेट खोले गए”

तीन साल के बाद, बांगो बांध पूरी तरह से भर गया है, जिसके कारण पांच गेट खोलने पड़े हैं। इस घटना से इलाके में पानी का स्तर बढ़ने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यह बांध नर्मदा नदी पर स्थित है और इसके भर जाने से कृषि और पेयजल की आपूर्ति में सुधार की उम्मीद है।

बांगो बांध का जलस्तर इस समय 341.45 मीटर तक पहुँच गया है। बांध की कुल जलभराव क्षमता 342.5 मीटर है, जो लगभग पूरी तरह भर चुका है। बांध के लबालब भरने के कारण पानी का दबाव कम करने के लिए इसके पांच गेट खोले गए हैं।

बांगो बांध के गेट खोलने से नर्मदा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ का असर मुख्य रूप से बांध के आसपास के क्षेत्रों में हो सकता है, जिसमें मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी के निचले इलाकों के गांव और कस्बे शामिल हैं। इसके अलावा, नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों और गांवों में भी पानी का स्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने इन इलाकों में अलर्ट जारी किया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

बांगो बांध से गेट खोलने के बाद नर्मदा नदी के किनारे बसे कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रभावित होने वाले संभावित गांवों में मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. बड़वाह
  2. मंडलेश्वर
  3. महेश्वर
  4. धरमपुरी
  5. चिरिया
  6. बरगी
  7. धुंआ
  8. बारला
  9. खलघाट
  10. प्रशासन ने बांगो बांध के गेट खोलने के बाद बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनकी तैयारियों में शामिल हैं:

  11. अर्ल्ट सिस्टम: प्रभावित क्षेत्रों में चेतावनी और अलर्ट सिस्टम सक्रिय किया गया है, ताकि लोगों को समय पर सूचना मिल सके और वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ये टीमें बचाव और राहत कार्यों में मदद करेंगी।अस्थायी आश्रय स्थल: प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर और आश्रय स्थल तैयार किए हैं, जहां प्रभावित लोग ठहर सकते हैं और आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।स्वास्थ्य सेवाएँ: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी की जा रही है। चिकित्सा टीमों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति का तुरंत इलाज किया जा सके।पानी और खाद्य आपूर्ति: प्रभावित गांवों और शहरों में खाद्य सामग्री और स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।सुरक्षा उपाय: बाढ़ के पानी की बढ़ती स्थिति को देखते हुए सुरक्षा और अवसंरचना की समीक्षा की जा रही है, और प्रमुख सड़कें और पुलों की स्थिति की निगरानी की जा रही है।जन जागरूकता: स्थानीय मीडिया और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से लोगों को बाढ़ के जोखिम और सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

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