रायपुर | 20 मई 2025
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। सोमवार सुबह प्रदेशभर में कुल 39 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी कारोबारी, बिल्डर्स और अस्पताल संचालक शामिल हैं। इस कार्रवाई में 90 लाख रुपये नगद, सोने-चांदी के जेवर, डिजिटल डाटा, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
छापेमारी कहां-कहां हुई?
- दुर्ग के आम्रपाली सोसाइटी में अशोक और विनय अग्रवाल के निवास
- स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर के डायरेक्टर संजय गोयल के ठिकाने
- शनिचरी बाजार में बिल्डर विश्वजीत गुप्ता के निवास
- उद्योगपति बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के परिसरों पर जांच
- महासमुंद के सांकरा में कैलाश अग्रवाल और बसना में जय भगवान अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी
- धमतरी और भिलाई में भी ईओडब्ल्यू की कार्रवाई जारी
क्या है शराब घोटाले का मामला?
यह घोटाला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में 2019 के बाद सामने आया, जब आबकारी नीति में बदलाव कर सरकारी कंपनी CSMCL के माध्यम से शराब बेचने का प्रावधान किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया कि इस व्यवस्था का फायदा उठाकर एक आपराधिक सिंडिकेट ने 2161 करोड़ रुपये का घोटाला किया।
ED की चार्जशीट के मुताबिक, घोटाले के मास्टरमाइंड अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त कर अधिकारियों, कारोबारियों और रसूखदारों के नेटवर्क के माध्यम से यह भ्रष्टाचार किया।
अब तक की बड़ी कार्रवाई
- 28 दिसंबर 2024 को ED ने कवासी लखमा के ठिकानों पर छापा मारा
- 15 जनवरी 2025 को लखमा को गिरफ्तार कर रायपुर सेंट्रल जेल भेजा गया
- लखमा पर 3773 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई
- अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है
एजेंसियों की जांच जारी
ACB और EOW की संयुक्त कार्रवाई में जब्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है। एजेंसियों के मुताबिक यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और कई और बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है।