रायपुर। राज्य सरकार की नीतियों और केंद्र सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ सहकारिता के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। इसी दिशा में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है, जब जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 216 करोड़ रुपये का सकल लाभ अर्जित किया है। यह लाभ पिछले वर्ष की तुलना में 84 करोड़ रुपये अधिक है, जो दर्शाता है कि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है।
सहकारिता विभाग के आयुक्त शर्मा ने बताया कि बैंक की यह उपलब्धि राज्य में सहकारी बैंकिंग प्रणाली के प्रति बढ़ते विश्वास का संकेत है। बैंक के कुशल मार्गदर्शन और पारदर्शी कार्यप्रणाली के चलते रायपुर सहकारी बैंक प्रदेश में सर्वाधिक लाभ अर्जित करने वाला बैंक बन गया है।
बैंक की मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्यास ने कहा कि हितग्राहियों, किसानों और ग्राहकों की सुविधा बैंक की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैंक से जुड़ी 550 सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पकालीन के साथ-साथ मध्यकालीन, दीर्घकालीन ऋण तथा कृषि उपकरण जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर, तार फेंसिंग आदि के लिए भी ऋण प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 3.93 लाख किसानों को 1886 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरित किया गया है। इससे किसानों को सीधा लाभ मिला है और उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।
बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति भी काफी सशक्त है। बैंक की अमानत राशि 6833 करोड़ और कार्यशील पूंजी 8316 करोड़ रुपये है। ग्राहकों को त्वरित और आधुनिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए NEFT, RTGS, IMPS, मोबाइल बैंकिंग, UPI जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
खरीफ सीजन 2024-25 में बैंक से संबद्ध 550 पैक्स के माध्यम से 57 करोड़ रुपये की धान खरीदी राशि माइक्रो-एटीएम के जरिए किसानों को वितरित की गई। यह प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा की पहुंच को और मजबूत करती है।
यह सफलता स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता प्रणाली केवल आर्थिक समृद्धि ही नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और किसान सशक्तिकरण का माध्यम बनती जा रही है।